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ममता बनर्जी का अमित शाह पर तीखा हमला, मीर जाफर की दी मिसाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्हें 'कार्यवाहक प्रधानमंत्री' की संज्ञा दी है। ममता ने शाह की तुलना मीर जाफर से की, जो भारतीय इतिहास में विश्वासघात का प्रतीक हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर बाढ़ राहत के लिए धन न देने का भी आरोप लगाया। उत्तरी बंगाल में हाल की बाढ़ और भूस्खलन ने 32 लोगों की जान ले ली है। जानें इस राजनीतिक बयानबाजी के पीछे की पूरी कहानी।
 

ममता बनर्जी का केंद्रीय गृह मंत्री पर आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि शाह 'कार्यवाहक प्रधानमंत्री' की तरह व्यवहार कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी कि उन पर अधिक भरोसा न करें। ममता ने शाह की तुलना मीर जाफर से की, जो भारतीय इतिहास में विश्वासघात का प्रतीक माने जाते हैं। यह बयान ममता ने दार्जलिंग के बागडोगरा और मिरिक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद कोलकाता लौटते समय दिया।


ममता का बड़ा आरोप

ममता ने कहा, 'अमित शाह एक दिन मोदी के मीर जाफर बन जाएंगे। चुनाव आयोग की गतिविधियाँ शाह के निर्देश पर हो रही हैं। यह दुखद है कि प्रधानमंत्री को इस सबकी जानकारी है।' उन्होंने केंद्र सरकार पर बाढ़ राहत के लिए धन न देने का भी आरोप लगाया। ममता ने व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा चुनावों के लिए धन जुटा लेती है, लेकिन आपदा राहत के लिए उनके पास फंड नहीं हैं। उत्तरी बंगाल में पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 32 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग अब भी लापता हैं।


मीर जाफर का ऐतिहासिक संदर्भ

मीर जाफर का नाम भारतीय इतिहास में गद्दारी के लिए जाना जाता है। वह एक मुगल जनरल था, जिसने 1757 में प्लासी की लड़ाई में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के खिलाफ अंग्रेजों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी। मीर जाफर ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ गुप्त समझौता किया, जिसके परिणामस्वरूप सिराजुद्दौला हार गए और अंग्रेजों ने भारत में अपनी सत्ता की नींव रखी। बाद में, अंग्रेजों ने मीर जाफर को बंगाल का नवाब बना दिया। ममता द्वारा शाह की मीर जाफर से तुलना ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।