मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मदरसे के शिक्षक पर कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय ने मदरसे के शिक्षक शम्सुल हुदा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई एटीएस की जांच के बाद की गई है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने विदेश में रहते हुए सरकारी वेतन और पेंशन का लाभ उठाया। इसके अलावा, हुदा कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने और अवैध फंडिंग नेटवर्क चलाने के लिए भी संदिग्ध हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
Dec 27, 2025, 20:12 IST
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश के निवासी और लंबे समय से यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले मदरसे के शिक्षक शम्सुल हुदा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला खोला है। यह कार्रवाई आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा की गई जांच के बाद मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह मामला गंभीर वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है, जिसमें विदेश में रहते हुए सरकारी वेतन और पेंशन लाभ प्राप्त करने, विदेशी संस्थाओं से संदिग्ध संबंध और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन शामिल हैं।
विदेश में रहते हुए सरकारी लाभ का लाभ उठाना
विदेश में रहते हुए सरकारी वेतन का लाभ
जांच में यह सामने आया कि शम्सुल हुदा को 12 जुलाई, 1984 को आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसा अशरफिया में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि, 2007 में विदेश जाने के बावजूद, उन पर आरोप है कि उन्हें निम्नलिखित लाभ मिलते रहे:
नियमित वेतन वृद्धि
बिना सत्यापन के सरकारी लाभ
2017 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की स्वीकृति
सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन भुगतान
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान अनिवार्य सेवा रिकॉर्ड सत्यापन नहीं किया गया, जिससे आरोपी को विदेश में रहते हुए भी सरकारी धन प्राप्त होता रहा।
कट्टरपंथी गतिविधियों का संदेह
धार्मिक शिक्षा की आड़ में फैला रहा था कट्टरपंथ
मौलाना धार्मिक शिक्षा के माध्यम से कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दे रहा था और अवैध फंडिंग नेटवर्क का संचालन कर रहा था। उसने अपनी एनजीओ 'राजा फाउंडेशन' और निजी खातों के जरिए मदरसों में धन भेजा। आजमगढ़ और संत कबीर नगर में दो मदरसे भी स्थापित किए गए थे, जिनका पंजीकरण बाद में रद्द कर दिया गया। उसके पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठनों से संपर्क होने की आशंका है।