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मध्यप्रदेश में तूफानी बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद, श्योपुर में आत्महत्या की घटना

मध्यप्रदेश में हाल की तूफानी बारिश ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे कई क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो गई हैं। श्योपुर में एक किसान ने खराब फसल के कारण आत्महत्या कर ली, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और किसानों को आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया में है। जानें इस संकट के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र में फसलों को भारी नुकसान


भोपाल। मोंथा की तेज बारिश ने मध्यप्रदेश के किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिछले कुछ दिनों से हो रही चक्रवाती बारिश ने सोयाबीन, सरसों, धान, उड़द, गेहूं, मटर और तिल की फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।


श्योपुर में किसान ने की आत्महत्या

श्योपुर में धान की खराब फसल से निराश किसान कैलाश मीणा ने आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने चक्काजाम किया। कलेक्टर ने पीड़ित किसान के परिवार को मुआवजा दिया और स्थिति को नियंत्रित किया। कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने उचित मुआवजे की मांग करते हुए जूते नहीं पहनने का संकल्प लिया।


फसलों को कितना नुकसान हुआ?

ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र में फसलों को 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। धान की फसलें गिर गई हैं, और अंकुरण का खतरा बढ़ गया है। कई आलू और मटर की फसलें भी सड़ गई हैं।


ग्वालियर, मुरैना, भिंड में बाजरा भी प्रभावित हुआ है, जबकि खंडवा, बुरहानपुर, आलीराजपुर और धार में मक्का, सोयाबीन और उड़द की फसल को नुकसान की आशंका है।


किसानों की समस्याएं

चक्रवात और भारी बारिश के कारण किसानों को अपनी फसलें सुखाने का समय नहीं मिल रहा है, जिससे रबी की तैयारी और बोवनी में बाधा आ रही है।


प्रशासन की कार्रवाई

प्रभावित क्षेत्रों में पटवारियों ने फसल सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। विदिशा, श्योपुर, भिंड, नर्मदापुरम, हरदा, डिंडौरी और कटनी में पंचनामे तैयार किए जा रहे हैं। नुकसान का आकलन होने के बाद आरबीसी 4/6 के प्रावधानों के तहत प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।