मध्यप्रदेश में कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे का असर
सर्दी और कोहरे का प्रभाव
मध्यप्रदेश में इस समय कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का प्रभाव लगातार बना हुआ है। मालवा-निमाड़ क्षेत्र में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, जिससे रात और सुबह का समय अत्यंत ठंडा हो गया है। ग्वालियर-चंबल, रीवा और सागर संभाग में घने कोहरे के कारण दृश्यता 1 किलोमीटर से भी कम हो गई है, जिससे आम लोगों और यातायात पर असर पड़ा है।
कोहरे के कारण यातायात में बाधा
घने कोहरे से विजिबिलिटी प्रभावित, यातायात में रुकावट
मौसम विभाग के अनुसार, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जिलों में घना कोहरा छाया रहेगा। भोपाल, शाजापुर, इंदौर, उज्जैन, राजगढ़, देवास, सीहोर, रायसेन और विदिशा में भी कोहरे की संभावना है। इन क्षेत्रों में विजिबिलिटी 1 से 4 किलोमीटर के बीच रह सकती है।
कल्याणपुर में सबसे कम तापमान
कल्याणपुर सबसे ठंडा
बुधवार-गुरुवार की रात तापमान में और गिरावट आई। भोपाल में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री, इंदौर में 4.5, ग्वालियर में 9.3, उज्जैन में 7.3 और जबलपुर में 9.2 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान शहडोल जिले का कल्याणपुर रहा, जहां तापमान 3.5 डिग्री तक गिर गया।
यातायात पर असर
रेल और हवाई यातायात पर असर
घने कोहरे के कारण रेल सेवाएं प्रभावित हुईं। दिल्ली से इंदौर और भोपाल आने वाली कई ट्रेनें 30 मिनट से लेकर 5 घंटे तक लेट रहीं। प्रमुख ट्रेनें जैसे पंजाब मेल, शताब्दी एक्सप्रेस, झेलम एक्सप्रेस और मंगला लक्षद्वीप एक्सप्रेस प्रभावित रहीं। हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ और भोपाल से दिल्ली, मुंबई, गोवा और बेंगलुरु के लिए उड़ानें 20 मिनट से लेकर 1 घंटे तक देर से रवाना हुईं।
नवंबर में सर्दी का रिकॉर्ड
नवंबर में ही सर्दी ने तोड़ा था रिकॉर्ड
भोपाल में लगातार 15 दिन शीतलहर चली, जो 1931 के बाद का सबसे लंबा दौर माना जा रहा है। 17 नवंबर की रात तापमान 5.2 डिग्री तक गिर गया, जबकि इंदौर में पारा 6.4 डिग्री तक पहुंचा, जो 25 साल में सबसे ठंडी रात रही। मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर और जनवरी में प्रदेश में उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाओं का प्रभाव सबसे अधिक होता है।