मध्यप्रदेश में उद्यमियों के लिए नई संभावनाएं: सीएम ने दी प्रोत्साहन राशि
उद्यमियों के लिए विशेष दिन
13 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एमएसएमई निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्धन-2025 कार्यक्रम के तहत उद्यमियों से वर्चुअल संवाद किया। इस अवसर पर, प्रदेश की 700 एमएसएमई इकाइयों को एक क्लिक के माध्यम से 197 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके साथ ही, 83 स्टार्टअप को 1 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि भी प्रदान की गई। प्रत्येक स्टार्टअप को 1 लाख 20 हजार रुपये का अनुदान मिला।
सरकार का उद्यमियों के प्रति समर्थन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 237 उद्यमियों को भू-आवंटन पत्र भी वितरित किए। उन्होंने उद्यम क्रांति योजना के तहत लाभार्थियों को सहायता राशि के चेक भी दिए। एमएसएमई सम्मेलन-2025 में स्टार्टअप, निर्यात प्रोत्साहन, और आत्मनिर्भर भारत पर चर्चा की गई।
प्रदेश की विकास यात्रा
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अब सोने की चिड़िया नहीं, बल्कि सोने का बाज बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से देश में परिवहन और रेलवे के क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं। प्रदेश में डेढ़ लाख करोड़ रुपये के कार्य चल रहे हैं और रेलवे की चौथी लाइन को भी स्वीकृति मिल चुकी है।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
सीएम ने कहा कि प्रदेशवासियों में प्रतिभा है, लेकिन उन्हें अवसर की आवश्यकता है। सरकार ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। 237 उद्योगपतियों को भूखंड आवंटित किए गए हैं और 700 एमएसएमई इकाइयों को 197 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है।
नवाचार को प्रोत्साहन
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एमएसएमई सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है। प्रदेश में पहली बार 50 प्रतिशत सब्सिडी की शुरुआत की गई है, जिससे छोटे व्यवसायियों को निर्यात में मदद मिलेगी।
उद्योगों के विकास पर ध्यान
उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री का उद्देश्य युवाओं को रोजगार और उद्योगों का विकास करना है। प्रदेश में लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
महिलाओं की भागीदारी
प्रदेश में लगभग 6000 स्टार्टअप हैं, जिनमें से लगभग 2800 का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। स्टार्टअप नीति 2025 के अंतर्गत 83 स्टार्टअप को 1 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि दी गई है।