मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शाहबानो केस पर आधारित फिल्म 'हक़' की याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में शाहबानो बेगम की बेटी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें फिल्म 'हक़' की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की गई थी। फिल्म, जो 1985 के शाहबानो केस से प्रेरित है, में यामी गौतम और इमरान हाशमी मुख्य भूमिकाओं में हैं। अदालत ने कहा कि मृत व्यक्ति की निजता का अधिकार उनके जीवन के साथ समाप्त हो जाता है। जानें इस महत्वपूर्ण फैसले के पीछे की कहानी और फिल्म का महत्व।
Nov 6, 2025, 22:28 IST
हाई कोर्ट का फैसला
हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसे शाहबानो बेगम की बेटी ने दायर किया था। यह याचिका हिंदी फिल्म ‘हक़’ की रिलीज़ पर रोक लगाने के लिए प्रस्तुत की गई थी। फिल्म में यामी गौतम धर और इमरान हाशमी मुख्य भूमिकाओं में हैं, और यह फिल्म 1985 के प्रसिद्ध शाहबानो केस से प्रेरित है, जो मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं के अधिकारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय था।
याचिका का आधार
सिद्दीका बेगम खान, शाहबानो बेगम की बेटी, ने आरोप लगाया कि फिल्म उनके परिवार की अनुमति के बिना बनाई गई है और इसमें उनकी मां के निजी जीवन को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म उनके परिवार की निजता का उल्लंघन करती है और उनकी मां की छवि का व्यावसायिक शोषण किया जा रहा है।
अदालत का निर्णय
इंदौर बेंच के जस्टिस प्रणय वर्मा ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा या निजता उसके जीवन के साथ समाप्त हो जाती है, और इसे किसी संपत्ति की तरह विरासत में नहीं लिया जा सकता। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मृत व्यक्ति के निजी जीवन पर आधारित सामग्री के लिए कानूनी वारिसों की सहमति आवश्यक नहीं है।
फिल्म का महत्व
1985 में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण का अधिकार देने का मार्ग प्रशस्त किया था, जिससे यह मुद्दा देशभर में चर्चा का विषय बन गया। अब ‘हक़’ फिल्म के माध्यम से उस संघर्ष को सिनेमाई रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, और कानूनी अड़चनें अब समाप्त हो चुकी हैं।