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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने फिल्म 'हक' की रिलीज को दी अनुमति

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने फिल्म 'हक' की रिलीज को मंजूरी दे दी है, जबकि शाह बानो की बेटी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि चूंकि शाह बानो अब जीवित नहीं हैं, उनके निजता और प्रतिष्ठा का अधिकार समाप्त हो गया है। अदालत ने फिल्म के डिस्क्लेमर को भी मान्यता दी, जिसमें इसे काल्पनिक रचना बताया गया है। इसके अलावा, न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि फिल्म में जोड़े गए वैवाहिक या निजी विवरण गलत नहीं माने जाएंगे।
 

फिल्म 'हक' की याचिका खारिज

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने फिल्म 'हक' की रिलीज के खिलाफ शाह बानो की बेटी सिद्दीक बेगम खान द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने सुनवाई के दौरान कहा कि चूंकि शाह बानो अब जीवित नहीं हैं, इसलिए उनके निजता और प्रतिष्ठा का अधिकार समाप्त हो चुका है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि फिल्म में शाह बानो का गलत चित्रण नहीं किया गया है और इसे किसी वास्तविक कहानी के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया है।


फिल्म का डिस्क्लेमर और रचनात्मक छूट

अदालत ने कहा कि फिल्म के डिस्क्लेमर में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह एक काल्पनिक रचना है और 'बानोः भारत की बेटी' नामक पुस्तक पर आधारित है, जो 1985 के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय से प्रेरित है। इसलिए, इसमें रचनात्मक छूट दी जा सकती है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि फिल्म में नाटकीय या काल्पनिक तत्वों के समावेश के कारण इसे सनसनीखेज या भ्रामक नहीं कहा जा सकता।


कहानी में वैवाहिक और निजी विवरण

यदि फिल्म में कहानी को और प्रभावी बनाने के लिए कुछ वैवाहिक या व्यक्तिगत विवरण जोड़े गए हैं, तो इसे गलत नहीं माना जाएगा। न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि फिल्म के बारे में यह दावा नहीं किया गया है कि यह अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम (1985) मामले पर पूरी तरह से आधारित है। अदालत ने इस संदर्भ में केएस पुट्टास्वामी और दीपा जया कुमार बनाम एनएल विजय (2021) मामलों के निर्णयों का भी उल्लेख किया।