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मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में आउटसोर्स नियुक्तियों पर उठे सवाल

मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से 18,653 पदों पर नियुक्तियों की योजना बनाई गई है। इस प्रक्रिया में नियमों के उल्लंघन और धनबल के प्रभाव की आशंका जताई जा रही है। मप्र संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि योग्य उम्मीदवारों को अवसर नहीं मिल रहे हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। क्या यह व्यवस्था आम युवाओं के लिए उचित है? जानें पूरी कहानी।
 

भोपाल में स्वास्थ्य विभाग की नई अधिसूचना

भोपाल
स्वास्थ्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 18,653 पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्तियों की योजना बनाई है। इस प्रक्रिया को लेकर कई गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं।


नियमों का उल्लंघन और भर्तियों में अनियमितता

नियमों का खुलेआम उल्लंघन
आरोप है कि निजी एजेंसियों के माध्यम से हो रही भर्तियों में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, और धनबल का उपयोग कर प्रक्रियाओं को प्रभावित किया जा रहा है। मप्र संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने बताया कि कई स्थानों पर निर्धारित मानदंडों और पारदर्शी चयन प्रक्रिया को नजरअंदाज किया जा रहा है।


योग्य उम्मीदवारों के लिए अवसरों की कमी

योग्य उम्मीदवारों को अवसर नहीं
इस स्थिति के कारण योग्य उम्मीदवारों को अवसर नहीं मिल पा रहा है, जिससे पूरी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। यदि इन नियुक्तियों की निष्पक्ष जांच नहीं की गई, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ गंभीर खिलवाड़ होगा। वर्तमान व्यवस्था में प्रभावशाली व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है, जबकि आम युवाओं और जरूरतमंद अभ्यर्थियों को नजरअंदाज किया जा रहा है।