मध्य प्रदेश में विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया: 41 लाख मतदाताओं के नाम हटने की संभावना
विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा
भोपाल: मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन मतदाताओं के नामों को हटाना है जो अब मतदान के लिए योग्य नहीं हैं। चुनाव आयोग की इस पहल ने प्रदेश की राजनीतिक स्थिति में हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि पहले चरण के बाद लगभग 41 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं।
23 दिसंबर को जारी होगी नई सूची
जानकारी के अनुसार, एसआईआर के पहले चरण के पूरा होने के बाद, बुधवार, 23 दिसंबर से आम जनता के लिए नई सूची उपलब्ध होगी। इस सूची में यदि किसी वोटर कार्ड में त्रुटि है, तो उसे सुधारने का अवसर मिलेगा। इसके लिए एक महीने का समय निर्धारित किया गया है।
सुधार के लिए क्या करें?
चुनाव आयोग द्वारा जारी की जाने वाली नई एसआईआर सूची में यदि किसी व्यक्ति के नाम की स्पेलिंग गलत है या पता बदल गया है, तो उसे ठीक किया जा सकता है। लोग 22 जनवरी 2026 तक अपनी त्रुटियों के लिए आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
प्रशासन 14 फरवरी तक प्राप्त शिकायतों की सुनवाई करेगा, और इसके बाद 21 फरवरी को अंतिम सूची जारी की जाएगी।
मतदाताओं की छटनी की प्रक्रिया
मध्य प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 5.74 करोड़ है। चुनाव आयोग ने प्रत्येक घर जाकर गणना फॉर्म भरे हैं। एसआईआर प्रक्रिया के बाद कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिसके आधार पर 41 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं।
नाम हटाने के आधार
आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में लगभग 8.40 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके नाम अभी भी सूची में हैं। इसके अलावा, करीब 2.5 लाख लोग ऐसे हैं जिनके नाम दो स्थानों पर दर्ज हैं। लगभग 8.40 लाख मतदाता अपने दिए गए पते पर नहीं मिले, और 22.50 लाख लोग अपने पुराने घर छोड़कर कहीं और बस गए हैं।
अधूरी जानकारी देने वाले मतदाता
एसआईआर प्रक्रिया में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि करीब 9 लाख मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने फॉर्म तो जमा किए हैं, लेकिन उनमें अधूरी जानकारी दी है। कई लोगों ने केवल साइन करके फॉर्म जमा कर दिए हैं। चुनाव आयोग इन सभी को नोटिस जारी करेगा।
नाम कटने पर क्या करें?
यदि एसआईआर प्रक्रिया के बाद किसी को लगता है कि उनका नाम गलती से कट गया है, तो सरकार एक अवसर दे रही है। 23 दिसंबर को जारी होने वाली डॉफ्ट वोटर लिस्ट में लोग अपने नाम देख सकते हैं। यदि नाम नहीं है, तो दोबारा पंजीकरण कराया जा सकता है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके उपलब्ध हैं।
पहला तरीका votar helpline App के माध्यम से सुधार करना है। दूसरा तरीका है कि यदि आप ऑनलाइन फॉर्म नहीं भर सकते, तो अपने बीएलओ (BLO) की सहायता लें। बीएलओ आपके घर आकर दस्तावेजों की जांच करेंगे।