मध्य प्रदेश में मतदाता सूची से 25 लाख नाम हटाने की तैयारी
मध्य प्रदेश में SIR प्रक्रिया का बड़ा अपडेट
लिस्ट से कटेंगे 25 लाख नाम
मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। इस प्रक्रिया में लगभग 25 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की संभावना है। चुनाव आयोग द्वारा किए गए SIR अभियान के आंकड़ों से पता चलता है कि कई मतदाता अपात्र पाए गए हैं या उनकी जानकारी अधूरी है, जिसके कारण यह कदम उठाया जा रहा है।
राज्य में कुल 5 करोड़ 76 लाख से अधिक गणना पत्रक जमा किए गए हैं। इन पत्रकों के विश्लेषण में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। आयोग के अनुसार, लगभग 9 लाख मतदाताओं ने वर्ष 2003 से आवश्यक जानकारी नहीं दी है, जो मतदाता सूची में बने रहने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, 8.5 लाख मतदाता अब इस दुनिया में नहीं हैं, फिर भी उनके नाम सूची में बने हुए हैं।
SIR के दौरान एक और गंभीर समस्या सामने आई है। लगभग 2.5 लाख मतदाताओं के नाम दो अलग-अलग स्थानों पर दर्ज पाए गए हैं। एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह होना चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, इसलिए ऐसे मामलों में नाम हटाने या सुधार की प्रक्रिया की जाएगी.
आयोग द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 23 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इस सूची के आधार पर आपत्तियां और दावे आमंत्रित किए जाएंगे। जिन मतदाताओं ने अधूरा गणना पत्रक भरा है, उन्हें आयोग द्वारा नोटिस भेजा जाएगा, ताकि वे निर्धारित समय में अपनी जानकारी पूरी कर सकें। यदि समय सीमा के भीतर जानकारी नहीं दी गई, तो उनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे।
मतदाताओं की अधूरी जानकारी के कारण फॉर्म अधूरे
SIR प्रक्रिया 18 दिसंबर को समाप्त हो गई थी। हालांकि, पहले इस अभियान की समय-सीमा बढ़ाई गई थी ताकि अधिक से अधिक मतदाता अपनी जानकारी अपडेट कर सकें। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें जानकारी अधूरी या गलत पाई गई है।
चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है, ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो सकें। राजनीतिक दल भी इस प्रक्रिया पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर नाम कटने से चुनावी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं.