मध्य प्रदेश में 11 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी
मध्य प्रदेश में गंभीर अपराध का मामला
भोपाल क्राइम समाचार: मध्य प्रदेश पुलिस ने 11 वर्षीय एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोप में 40 वर्षीय रमेश सिंह को गिरफ्तार किया है। रमेश शाजापुर जिले का निवासी है और इसके खिलाफ पहले भी गंभीर आरोप लगे हैं। 2003 में, उसने 5 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था, जिसके लिए उसे 10 साल की सजा मिली थी।
2013 में जेल से रिहा होने के बाद, रमेश ने आष्टा (सीहोर) में 8 साल की एक बच्ची के साथ फिर से दुष्कर्म किया। इस मामले में उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2019 में उसे हाई कोर्ट ने बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बच्ची की पहचान परेड में उसके पिता भी मौजूद थे, जिससे बच्ची को प्रभावित किया जा सकता था।
पुलिस ने रमेश को 1 फरवरी 2025 को नरसिंहगढ़ में 11 वर्षीय मूक-बधिर बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया।
पुलिस ने 18 फरवरी को उसे ट्रेन से पकड़ा। रमेश के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज है। मामले की जांच के लिए पुलिस ने 46 स्थानों पर 136 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी। बच्ची सोते समय लापता हो गई थी और बाद में लहूलुहान हालत में झाड़ियों में मिली। उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दुष्कर्म की पुष्टि हुई। 8 फरवरी को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
गिरफ्तारी में 16 टीमें शामिल थीं
पुलिस ने जांच के दौरान 79 संदिग्धों से पूछताछ की और 700 से अधिक फोन नंबरों का ट्रैक किया। नरसिंहगढ़ बस स्टैंड पर एक व्यक्ति को देखा गया, जिसने लाल शॉल ओढ़ रखा था और नीले-काले रंग के स्पोर्ट्स शूज पहने हुए थे। आरोपी एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला के साथ गलत हरकत करते हुए पाया गया। एक ऑटो चालक ने पुलिस को सूचित किया कि आरोपी कुरावर बस स्टैंड से शाम 6 बजे नरसिंहगढ़ पहुंचा था। जब पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंची, तो पता चला कि वह कुंभ मेले में गया है। रमेश के दो बेटियाँ हैं, जिनकी उम्र 16 और 27 वर्ष है, और वह उन पर भी गलत नजर रखता था।
मामले के खुलासे के बाद 16 टीमें जांच में जुट गईं। आरोपी को बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 9 जिलों और 17 रेलवे स्टेशनों पर उसकी तलाश की। वारदात के 16 दिन बाद उसे पकड़ा गया। इस दौरान 400 घंटे की CCTV फुटेज की जांच की गई। पुलिस ने शाजापुर, उज्जैन, नीमच, रतलाम, प्रयागराज, जयपुर, भोपाल, विदिशा और सीहोर में भी आरोपी की तलाश में छापे मारे, लेकिन वह लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा। रमेश 2003 से 2013 तक जेल में रह चुका है।