मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में 99% से अधिक मतदाताओं को मिले फॉर्म
मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का कार्य
गणना प्रपत्र बांटते बीएलओ.
भारत के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) का कार्य जारी है। बीएलओ मतदाताओं के घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं। यह SIR का दूसरा चरण है। इससे पहले बिहार में SIR की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जहां विधानसभा चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ है।
इस बीच, चुनाव आयोग ने गुरुवार को जानकारी दी कि नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के तहत फॉर्म वितरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, और लगभग 99 प्रतिशत मतदाताओं को दस्तावेज मिल चुके हैं।
छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और लक्षद्वीप में SIR का कार्य चल रहा है। इनमें से पुडुचेरी, तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव प्रस्तावित हैं।
98.89 प्रतिशत मतदाताओं को मिले फॉर्म
चुनाव आयोग ने अपने दैनिक SIR बुलेटिन में बताया कि 50.97 करोड़ मतदाताओं में से 50.40 करोड़ को फॉर्म जारी किए गए हैं, जो कि 98.89 प्रतिशत है। SIR की प्रक्रिया का दूसरा चरण 4 नवंबर को शुरू हुआ और यह 4 दिसंबर तक चलेगा।
असम में, जहां 2026 में चुनाव होने हैं, चुनाव आयोग ने सोमवार को मतदाता सूची में विशेष पुनरीक्षण की घोषणा की है। देश में पश्चिम बंगाल और असम ऐसे राज्य हैं, जहां बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठता रहा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि यहां बांग्लादेशी बड़ी संख्या में घुसपैठ कर वोटर कार्ड बनवा चुके हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि SIR से अवैध मतदाताओं को वोटर सूची से बाहर किया जाएगा।
SIR प्रक्रिया पर चुनाव आयोग की कड़ी निगरानी
इस बीच, चुनाव आयोग ने चेतावनी दी है कि पश्चिम बंगाल में चल रहे वोटर सूची के SIR में किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। हाल ही में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने कोलकाता में समीक्षा बैठकें कीं।
भारती ने SIR प्रक्रिया में प्रशासनिक लापरवाही के लिए आयोग के जीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण को दोहराया। एक अधिकारी ने बताया, “डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर ने बैठक के दौरान आयोग के सख्त रुख पर जोर दिया।” कोलकाता के दोनों चुनाव क्षेत्रों के चुनाव अधिकारियों ने मतदाता डेटा की गिनती और डिजिटाइजेशन समेत अब तक की प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
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