मंडी जिले में बादल फटने से नितिका का परिवार बर्बाद, बच्ची अकेली बची
तलवारा गांव में बादल फटने की त्रासदी
मंडी जिले के तलवारा गांव में बादल फटने की एक दुखद घटना में दस महीने की नितिका के परिवार के तीन सदस्य या तो बह गए या उनकी मृत्यु हो गई, जिससे वह संभवतः अपने परिवार की एकमात्र जीवित सदस्य बन गई है।
मंगलवार को जब गांव में बादल फटा, तब नितिका के पिता, 31 वर्षीय रमेश कुमार, अपने घर में पानी के प्रवेश को रोकने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान बादल फटने से गांव में व्यापक तबाही मच गई, और रमेश का शव मलबे में मिला।
नितिका की मां, 24 वर्षीय राधा देवी, और दादी, 59 वर्षीय पुर्णू देवी, रमेश की खोज में निकलीं, लेकिन उनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।
पड़ोसी प्रेम सिंह ने बच्ची को अकेले रोते हुए देखा और उसे रमेश के चचेरे भाई बलवंत के पास ले गए। बलवंत, जो पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के निजी सुरक्षा अधिकारी हैं, ने बताया कि बच्ची उनके पास सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने बच्ची के नाम पर बैंक खाता खोलने की पेशकश की है, जो कल खोला जाएगा। बलवंत ने यह भी बताया कि कई लोग इस त्रासदी के बाद बच्ची की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
बादल फटने से पवारा, थुनाग, बैदशाड़, कंडा और मुराद जैसे क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है, जहां सड़क, पानी और बिजली की योजनाओं को गंभीर क्षति पहुंची है।
अधिकारियों के अनुसार, मंडी जिले में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की दस घटनाओं में अब तक चौदह लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 31 लोग लापता हैं।
बलवंत ने बताया कि रमेश ने भी मात्र छह महीने की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। वह एक किसान था, जिसकी आय अच्छी नहीं थी, और घर के खर्च के लिए उसे अपनी मां पुर्णू देवी की तनख्वाह पर निर्भर रहना पड़ता था। पुर्णू देवी एक सरकारी स्कूल में चपरासी हैं और सात महीने में रिटायर होने वाली हैं।
नितिका की देखभाल के लिए उसके रिश्तेदारों को 25 हजार रुपये की राहत राशि प्रदान की गई है।