भोपाल में जनजातीय गौरव वर्ष सम्मेलन: मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज के विकास पर जोर दिया
मुख्यमंत्री का उद्घाटन भाषण
भोपाल में बुधवार को आयोजित जनजातीय गौरव वर्ष राष्ट्रीय सम्मेलन-2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जनजातीय समाज हमारी संस्कृति की आत्मा है और उनके बिना भारत की पहचान अधूरी है। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव वर्ष के अवसर पर राजधानी में हुई इस ऑल इंडिया एनजीओ मीट में देशभर से स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में 21 प्रतिशत जनसंख्या जनजातीय समुदाय की है और उनके सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का आयोजन
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को राज्य में गौरवपूर्ण ढंग से मनाया जाएगा। 15 नवंबर को जबलपुर और आलीराजपुर में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित होंगे। इस दौरान बिरसा मुंडा सहित अन्य जननायकों की स्मृतियों को सहेजने पर विशेष जोर दिया जाएगा। सरकार ने जनजातीय समुदायों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से जुड़ी कई योजनाएं लागू की हैं। डॉ. यादव ने कहा, हमने जनजातीय नायकों की जीवनी को स्कूल पाठ्यक्रमों में शामिल किया है ताकि नई पीढ़ी अपने असली नायकों से परिचित हो सके।
जननायकों की स्मृतियों को सहेजने की पहल
बीते कुछ वर्षों में जनजातीय जननायकों के सम्मान में भोपाल का हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब रानी कमलापति स्टेशन के नाम से जाना जाता है। वहीं, पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम जननायक टंट्या भील स्टेशन रखा गया।
जबलपुर में राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के नाम से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय भी स्थापित किया गया है।
एनजीओ की भूमिका पर बल
सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि “एनजीओ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम हैं। वे सरकार और जनता के बीच एक सशक्त कड़ी के रूप में काम कर रहे हैं।”
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की डिप्टी डायरेक्टर जनरल अंशु सिंह ने बताया कि 2011 में सामान्य और जनजातीय समुदायों की साक्षरता दर में 14 प्रतिशत का अंतर था, जो अब घटकर 6 प्रतिशत रह गया है।”
मध्यप्रदेश: जनजातीय परंपराओं से समृद्ध भूमि
मध्यप्रदेश जनजातीय परंपराओं से पुष्पित और पल्लवित भूमि है। यहां देश की सबसे अधिक जनजातियां निवास करती हैं।