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भोपाल में 52 किलो सोने और 10 करोड़ रुपये कैश का रहस्य: सौरभ शर्मा मामले में नया खुलासा

भोपाल में पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। मेंडोरी के जंगल में 52 किलो सोने और 10 करोड़ रुपये कैश से भरी एक कार मिली है। जांच में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं, जिसमें कार को जंगल तक पहुंचाने वाले लोगों की पहचान भी शामिल है। इस मामले में सौरभ के रिश्तेदारों की भूमिका और वसूली के रिकॉर्ड भी सामने आए हैं। जानें इस रहस्यमय मामले की पूरी कहानी और क्या है सौरभ का कनेक्शन।
 

सौरभ शर्मा मामले में नया मोड़


भोपाल में पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के मामले में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। मेंडोरी के जंगल में 52 किलो सोने और 10 करोड़ रुपये कैश से भरी एक इनोवा कार मिली थी, और अब इस कार को वहां पहुंचाने वाले व्यक्ति की पहचान हो गई है। सौरभ के घर से जब्त की गई डायरी में परिवहन चेक पोस्ट से वसूली का विवरण भी मिला है।


इससे पहले लोकायुक्त ने सौरभ के निवास पर छापेमारी की थी, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में सौरभ और उसके रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापे मारे। इनकम टैक्स विभाग ने भी जंगल से एक कार बरामद की, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश थे।


इनकम टैक्स की जांच इस मामले के चारों ओर घूम रही है। जांच के दौरान कई सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हुए हैं, जिससे कार के अरेरा कॉलोनी से मेंडोरी के जंगल तक के मार्ग का पता चला है। यह भी स्पष्ट हुआ है कि यह कार अकेली नहीं थी, बल्कि तीन गाड़ियों के काफिले में जंगल तक पहुंचाई गई थी। यह कार चेतन गौड़ के नाम पर रजिस्टर है, जिसने पहले ही इनकम टैक्स विभाग को बताया कि कार में मिला सोना और कैश सौरभ का है।


जांच में यह भी सामने आया है कि सौरभ के एक रिश्तेदार, जिसे वह जीजा कहता है, ने कार को जंगल तक पहुंचाने में मदद की। उसके बेटे ने भी इस कार्य में सहयोग किया। कार जिस स्थान पर मिली थी, वह सौरभ की रिश्तेदार की बेटी के नाम पर रजिस्टर है।


इनकम टैक्स विभाग के पास अब जंगल में मिली कार का सौरभ शर्मा से संबंध स्पष्ट हो चुका है। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सौरभ और उसके रिश्तेदारों के पास मिली बेनामी संपत्तियों की जांच भी शुरू हो गई है।


सौरभ के घर से मिली डायरी में परिवहन चौकियों से वसूली का ब्योरा दर्ज है, जिसमें मध्यप्रदेश के कई चेक पोस्ट से रोजाना होने वाली वसूली का विवरण है। इसके अलावा, जांच एजेंसियों को कई तकनीकी सबूत भी मिले हैं, जिनकी जांच जारी है।


इस बीच, सोशल मीडिया पर एक सूची वायरल हुई है, जिसमें TM और TC जैसे शब्दों के साथ परिवहन चौकियों के नाम और राशि लिखी गई है। हालांकि, किसी भी जांच एजेंसी ने इस सूची की पुष्टि नहीं की है।