भारतीय सेना का महायुद्ध अभ्यास: अमोघ फ्यूरी में दिखी युद्ध क्षमता
भारतीय सेना का महायुद्ध अभ्यास
भारतीय सेना ने महायुद्ध अभ्यास किया
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर राजस्थान के थार मरुस्थल में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (MFFR) में इंटीग्रेटेड फायर पावर एक्सरसाइज अमोघ फ्यूरी का सफल आयोजन किया। इस व्यापक अभ्यास में सेना ने टैंकों, इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहनों, अटैक हेलीकॉप्टरों, लंबी दूरी की आर्टिलरी, ड्रोन्स और अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग कर अपनी युद्ध क्षमता का प्रदर्शन किया।
सैनिकों की त्वरित तैनाती और आक्रामक जमीनी कार्रवाइयों के माध्यम से विभिन्न हथियारों और इकाइयों के बीच समन्वय प्रदर्शित किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में युद्ध क्षमता, समन्वय और तैयारियों का परीक्षण करना था। इसके दौरान नेटवर्क आधारित संचार, कमान एवं नियंत्रण संरचना और वास्तविक समय की निगरानी प्रणालियों का उपयोग कर साझा ऑपरेटिंग पिक्चर तैयार की गई। इससे आधुनिक युद्धक्षेत्र में उभरते खतरों से निपटने की सेना की क्षमता का मूल्यांकन हुआ।
पाकिस्तान को कड़ा संदेश
भारतीय सेना ने इस शक्ति प्रदर्शन के माध्यम से पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश देने का प्रयास किया है। यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यही कारण है कि यह अभ्यास पाकिस्तान की सीमा के निकट आयोजित किया गया। इस अभ्यास के दौरान यह भी देखा गया कि भविष्य में यदि पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो उससे कैसे निपटा जा सकता है। इस दौरान भारतीय सेना ने ड्रोन्स का भी प्रभावी ढंग से उपयोग किया।
सेना के सभी हिस्सों की भागीदारी
अमोघ फ्यूरी महा अभ्यास में भारतीय सेना के सभी हिस्सों ने भाग लिया। सभी जवानों ने अपने कर्तव्यों का 100 प्रतिशत निर्वहन किया। इसे एक नियमित अभ्यास माना जा रहा है। हालांकि, सेना की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। माना जा रहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा सीजफायर के उल्लंघन की घटनाओं को देखते हुए यह अभ्यास बड़े पैमाने पर किया गया है।