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भारतीय विमानन उद्योग में वित्तीय संकट: FY26 में अनुमानित घाटा ₹20-30 बिलियन

भारतीय विमानन उद्योग को वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹20-30 बिलियन का घाटा होने का अनुमान है। आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, महंगे ईंधन और घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण एयरलाइंस को लाभप्रदता में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, पिछले वर्षों की तुलना में स्थिति में सुधार देखा जा रहा है। जानें इस संकट के पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएं।
 

विमानन उद्योग की वित्तीय स्थिति

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार, भारत के विमानन क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) में ₹20 से ₹30 बिलियन का शुद्ध घाटा होने की संभावना है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के अनुमानित घाटे के समान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वित्त वर्ष में लगभग ₹16 बिलियन का शुद्ध लाभ होने के बावजूद, एयरलाइंस को लगातार बढ़ती विमानन टर्बाइन ईंधन (ATF) की कीमतों के कारण घाटे का सामना करना पड़ सकता है।


घाटे के कारण

रिपोर्ट में कहा गया है कि हवाई यात्रा की मांग में वृद्धि जारी है, लेकिन घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा और मूल्य संवेदनशीलता के कारण एयरलाइंस टिकट की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं कर पाएंगी। महंगे ईंधन के चलते लाभप्रदता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। इसके अलावा, बढ़ती लीज देनदारियों के कारण वित्तीय वर्ष 26 में ब्याज लागत में वृद्धि होने की संभावना है।


पिछले घाटों की तुलना

हालांकि, वित्तीय वर्ष 26 के लिए अनुमानित घाटा पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। वित्त वर्ष 22 में उद्योग ने ₹235 अरब और वित्त वर्ष 23 में ₹174 अरब का घाटा दर्ज किया था, जो मुख्यतः कोविड-19 के कारण हुआ। अब, वित्तीय लचीलापन धीरे-धीरे बढ़ रहा है, और उद्योग का इंस्ट्रस्ट कवरेज रेश्यो वित्तीय वर्ष 26 में 1.5 से 2.0 गुना के बीच रहने की उम्मीद है।


घरेलू हवाई यातायात में बदलाव

जून 2025 के लिए घरेलू हवाई यात्री यातायात 138.7 लाख रहने का अनुमान है, जो कि जून 2024 के 132.1 लाख से 5.1 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, इसमें क्रमिक आधार पर 1.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में घरेलू यातायात में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।


अंतरराष्ट्रीय यातायात में वृद्धि

मई 2025 में भारतीय विमानन कंपनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात 29.7 लाख रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.3 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, भू-राजनीतिक कारणों से इसमें क्रमिक आधार पर 7.9 प्रतिशत की कमी आई है। वित्त वर्ष 2025 में अंतरराष्ट्रीय यातायात में 14.1 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।