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भारतीय पासपोर्ट की घटती वैल्यू पर टेक प्रोफेशनल की चिंता

एक भारतीय टेक प्रोफेशनल कुणाल कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर भारतीय पासपोर्ट की घटती वैल्यू पर चिंता जताई है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्हें विदेश में अपने दोस्तों से मिलने के लिए जटिल प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, उन्होंने हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में भारत की खराब रैंकिंग और देश में वायु गुणवत्ता की समस्याओं का भी उल्लेख किया। जानें उनके विचार और अनुभव इस लेख में।
 

भारतीय पासपोर्ट की स्थिति पर चिंता

कुणाल कुशवाहा

एक भारतीय टेक प्रोफेशनल, जो यूनाइटेड किंगडम में निवास करता है, ने सोशल मीडिया पर भारतीय पासपोर्ट की उपयोगिता पर सवाल उठाया है। कुणाल कुशवाहा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अब उनके लिए भारतीय पासपोर्ट की कोई अहमियत नहीं रह गई है। उन्होंने बताया कि विदेश में काम कर रहे भारतीयों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वह उनके पोस्ट में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

कुणाल ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे आयरलैंड में अपने दोस्त को सरप्राइज देने के लिए उन्हें एक जटिल प्रक्रिया का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि टिकट बुक करने के बजाय उन्हें वीजा पोर्टल पर भटकना पड़ा। हाल ही में बर्लिन की यात्रा के बाद, वह क्रिसमस पर डबलिन में अपने दोस्तों से नहीं मिल पाए, क्योंकि उनके पास दूसरे वीजा के लिए आवेदन करने का समय कम था।

कुणाल ने एयरपोर्ट पर अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जबकि अन्य लोग इमिग्रेशन से जल्दी निकल जाते हैं, वह हमेशा दस्तावेजों के साथ लंबी लाइनों में खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि शेंगेन वीजा के लिए आवेदन करना अब एक फुल-टाइम नौकरी जैसा लगता है, जिसमें कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।

आर्थिक मुद्दों से जुड़ी निराशा

कुणाल ने अपनी निराशा को बड़े संरचनात्मक मुद्दों से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि भारत में किए गए निवेश अब पहले की तरह लाभकारी नहीं रह गए हैं, क्योंकि करेंसी की वैल्यू में गिरावट आई है।

भारत की हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में स्थिति

हाल ही में जारी हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में भारत की रैंकिंग और भी खराब हो गई है, जो अब 85वें स्थान पर है। इस सूची में सिंगापुर पहले स्थान पर है, जहां के नागरिक 195 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं।

कुणाल ने भारत में वायु गुणवत्ता की समस्याओं का भी उल्लेख किया, जो शारीरिक रूप से महसूस होती हैं और वैश्विक रैंकिंग में भी दिखाई देती हैं।