भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा स्थगित, कानूनी प्रयास जारी
सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई स्थगित की
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार, 18 जुलाई को निमिषा प्रिया के मामले की सुनवाई को 14 अगस्त तक के लिए टाल दिया। यह निर्णय यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स की फांसी को रोकने के लिए कूटनीतिक और कानूनी प्रयासों को और समय देने के उद्देश्य से लिया गया। 16 जुलाई को उसकी निर्धारित फांसी को भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद स्थगित कर दिया गया था।
महदी परिवार की प्रतिक्रिया
यमनी सरकार द्वारा निमिषा प्रिया की फांसी की सजा को टालने के बाद, अब उसके भविष्य का निर्णय पीड़ित तलाल अब्दो महदी के परिवार के हाथ में है। महदी परिवार ने कहा है कि "न्याय होगा, भले ही इसमें देरी हो।" केरल की इस नर्स को बचाने के लिए गहन विचार-विमर्श चल रहा है, जिसके कारण उसकी फांसी को टाल दिया गया है। उसे एक ऐसे व्यक्ति की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी जो उसे परेशान कर रहा था।
फांसी की सजा का स्थगन
प्रिया की फांसी कल निर्धारित थी, लेकिन अब यह जानकारी मिली है कि मृतक के परिवार को इसे कम से कम कल तक टालने के लिए मना लिया गया है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि उसे रिहा किया जाएगा या भारत वापस भेजा जाएगा। वह वर्तमान में यमन की हूती-कब्जे वाली राजधानी सना में है, और भारत के हूती विद्रोहियों के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं।
भारत सरकार के प्रयास
भारत सरकार ने पहले ही कहा था कि उसने फांसी रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि 'खून का पैसा' संभवतः निमिषा प्रिया के लिए मौत से बचने का अंतिम विकल्प हो सकता है। केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह निमिषा प्रिया की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्रालय की भूमिका
विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि वह यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया का समर्थन करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। मंत्रालय ने प्रिया के परिवार की सहायता के लिए एक वकील नियुक्त किया है, जो यमन में जटिल कानूनी प्रक्रिया से निपटने में मदद करेगा। इसमें शरिया कानून के तहत क्षमादान या माफी के विकल्प तलाशना भी शामिल है।