भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन
एक्सिओम-4 मिशन की सफल उड़ान
एक्सिओम-4 मिशन: लंबे इंतजार के बाद, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर उड़ान भर चुके हैं। यह मिशन निर्धारित समय पर दोपहर 12:01 बजे लॉन्च हुआ। इससे पहले, स्पेसएक्स ने बताया था कि बुधवार को होने वाली उड़ान के लिए मौसम की स्थिति 90 प्रतिशत अनुकूल है।
शुभांशु शुक्ला ने बनाया नया इतिहास
एक्सिओम-4 मिशन ने अपने प्रक्षेपण के समय लगभग 30,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी। अनुमान है कि यह मिशन भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम 4:30 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेगा।
इससे पहले, स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था, "एक्सिओम-स्पेस के एक्सिओम-4 मिशन के लिए सभी प्रणालियां अच्छी स्थिति में हैं और मौसम भी उड़ान के लिए 90 प्रतिशत अनुकूल है।"
प्रक्षेपण में देरी के कारण
प्रक्षेपण में देरी के विभिन्न कारण
एक्सिओम-4 मिशन का प्रक्षेपण कई बार विभिन्न कारणों से टल चुका है, जिसमें खराब मौसम और स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट पर लीक की समस्या शामिल है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी मॉड्यूल में भी लीक की समस्या के कारण यात्रा को स्थगित करना पड़ा। इसे पहले 29 मई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन बाद में इसे 8, 10 और 11 जून तक के लिए स्थगित किया गया।
शुभांशु शुक्ला की पृष्ठभूमि
शुभांशु शुक्ला के बारे में
शुभांशु शुक्ला एक वायुसेना अधिकारी हैं, जिन्होंने अब अंतरिक्ष यात्री बनने का गौरव प्राप्त किया है। वे 2026 में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू स्ट्रीम में शामिल हुए और वहां लड़ाकू नेता और परीक्षण पायलट बने। शुभांशु के पास 2000 घंटे से अधिक का अनुभव है, जिसमें Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, डोर्नियर और हॉक जैसे विमानों को उड़ाने का अनुभव शामिल है।
उन्होंने 2019 में इसरो के गगनयान कार्यक्रम के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उन्हें चार अन्य अधिकारियों के साथ इस कार्यक्रम के लिए चुना गया। इसके बाद, उन्होंने अंतरिक्ष में जाने के लिए रूस और बेंगलुरु में प्रशिक्षण लिया। लखनऊ में जन्मे शुभांशु ने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से प्राप्त की और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक किया।