भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है
भारत का सेमीकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन
भारत ने पिछले एक दशक में वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग में अपनी पहचान बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में सेमीकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री को पहली 'मेड इन इंडिया' सेमीकंडक्टर चिप भेंट की। टेक समिट में बोलते हुए, मोदी ने कहा, 'दुनिया भारत पर भरोसा करती है और सेमीकंडक्टर के भविष्य के लिए तैयार है।'
भारत सेमीकंडक्टर मिशन का अगला चरण
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि सरकार भारत सेमीकंडक्टर मिशन और इसके लिए प्रोत्साहन योजना के अगले चरण पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की आवश्यकता है और देश ने महत्वपूर्ण खनिज मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है।
भारत की आर्थिक प्रगति
जब अन्य देश चुनौतियों का सामना कर रहे थे, तब भारत ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 7.8% की जीडीपी वृद्धि दर्ज की। मोदी ने कहा, 'भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि चिप्स डिजिटल हीरे के समान हैं।
सेमीकंडक्टर का महत्व
सेमीकंडक्टर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए आवश्यक हैं, जो स्मार्टफोन से लेकर चिकित्सा उपकरणों और रक्षा प्रणालियों तक फैले हुए हैं। कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान वैश्विक चिप की कमी ने आपूर्ति श्रृंखलाओं की भेद्यता को उजागर किया। अब सेमीकंडक्टर केवल तकनीकी उत्पाद नहीं रह गए हैं, बल्कि ये आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता का भी प्रतीक बन गए हैं।
भारत की प्रगति का आकलन
भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत के बाद से कई महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। ₹76,000 करोड़ की पीएलआई योजना में से ₹65,000 करोड़ पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। छह राज्यों में दस प्रमुख सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
छात्रों और युवाओं के लिए कौशल विकास
भारत प्रतिभा निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। सेमी विश्वविद्यालय चिप डिज़ाइन, निर्माण, सुरक्षा और तकनीकी रुझानों में 800 से अधिक ऑन-डिमांड पाठ्यक्रम प्रदान करता है। कार्यक्रम का उद्देश्य 2030 तक 10 लाख नए कुशल श्रमिकों को तैयार करना है।
स्थायित्व और लचीलेपन पर ध्यान
भारत की चिप रणनीति स्थायी और लचीले तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर भी जोर देती है।