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भारत-श्रीलंका का संयुक्त युद्धाभ्यास Mitra Shakti 2025: प्रशिक्षण और सहयोग की नई ऊंचाइयां

भारत और श्रीलंका की सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास Mitra Shakti 2025 बेलगावी में चल रहा है, जिसमें सैनिकों ने विभिन्न प्रशिक्षण गतिविधियों में भाग लिया। इस अभ्यास में उच्च-तीव्रता वाली फिटनेस एक्सरसाइज, हेलिकॉप्टर ड्रिल और जंगल में जीवित रहने की तकनीकें शामिल हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग और सामरिक कौशल को बढ़ाने के लिए यह अभ्यास महत्वपूर्ण है। जानें इस अभ्यास के प्रमुख पहलुओं और दोनों सेनाओं के बीच बढ़ते संबंधों के बारे में।
 

Mitra Shakti 2025: भारत और श्रीलंका का सामरिक अभ्यास

भारत-श्रीलंका का युद्धाभ्यास

भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच चल रहा Mitra Shakti XI अभ्यास बेलगावी में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले दो दिनों में, दोनों देशों के सैनिकों ने कई महत्वपूर्ण प्रशिक्षण गतिविधियों में भाग लिया। जवानों ने उच्च-तीव्रता वाली फिटनेस एक्सरसाइज, योग सत्र और हेलिकॉप्टर से उतरने की ड्रिल जैसी गतिविधियों का अभ्यास किया। इससे उनकी शारीरिक क्षमता में वृद्धि हुई और आपसी सहयोग में मजबूती आई।

इस अभ्यास में विभिन्न तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जैसे कि रोड ओपनिंग पार्टी की प्रक्रिया, घायल सैनिकों को निकालने की विधि, कॉम्बैट मेडिकल ट्रेनिंग और ड्रोन के उपयोग पर विस्तृत प्रदर्शन किया गया। श्रीलंकाई सेना ने ऑपरेशन इंद्रा सेरा का अनुभव साझा किया और छोटे दलों की रणनीति, IED की पहचान और निष्क्रिय करने पर चर्चा की।

प्रशिक्षण गतिविधियों का विवरण

सैनिकों को जंगल में जीवित रहने की तकनीकें सिखाई गईं, जिसमें सांप पकड़ने, शेल्टर बनाने और ट्रैप लगाने की विधियां शामिल थीं। मानसिक मजबूती के लिए LIDO जम्प जैसी गतिविधियों का आयोजन किया गया। अंत में, दोनों देशों के सैनिकों ने संयुक्त लाइव फायरिंग अभ्यास किया, जिससे इंटरऑपरेबिलिटी और हथियार चलाने की क्षमता में सुधार हुआ।

Mitra Shakti 2025 अभ्यास में हेलिकॉप्टरों के साथ-साथ ड्रोन और मानवरहित हवाई प्रणालियों का भी उपयोग किया गया। आतंकवाद-रोधी अभियानों के दौरान हेलीपैडों की सुरक्षा और हताहतों को निकालने के अभ्यास का भी संयुक्त पूर्वाभ्यास किया गया। इस सामूहिक प्रयास का उद्देश्य सैनिकों के बीच बेहतर अंतर-संचालन क्षमता विकसित करना और संयुक्त राष्ट्र के हितों को प्राथमिकता देते हुए जान-माल के जोखिम को कम करना है।

दोनों पक्ष युद्ध कौशल के विभिन्न पहलुओं पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे, जिससे प्रतिभागियों को एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिलेगा। सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने से भारतीय और श्रीलंकाई सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को भी प्रोत्साहित करेगा.