भारत-रूस सैन्य सहयोग: समय-परीक्षित मित्रता की पुष्टि
भारत-रूस के बीच गहरे संबंधों की चर्चा
रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने भारत और रूस के बीच की मजबूत मित्रता का उल्लेख किया। उन्होंने 22वीं भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग आयोग की मंत्रिस्तरीय बैठक में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देश आपसी सम्मान पर आधारित मित्रता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देशों के बीच एक ठोस और समय-परीक्षित मित्रता का रिश्ता है।
बेलौसोव ने भारत में मिले आतिथ्य की सराहना की और कहा कि दिल्ली में उनके आगमन के पहले क्षण से ही उन्हें गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को एक रणनीतिक स्वरूप में देखा और कहा कि भारत के साथ साझेदारी दक्षिण एशियाई क्षेत्र में संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है। इस वर्ष, वे 1941-1945 के महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध में विजय की 80वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और भारतीय प्रतिनिधिमंडल को मास्को में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया।
बेलौसोव ने भारत को नौसेना दिवस की बधाई भी दी और कहा कि रूस थल सेना, वायु सेना और नौसेना के नए स्वरूप के निर्माण में भारत के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह आयोग सैन्य क्षेत्र में लाभकारी निर्णय लेने में समर्पित है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के बावजूद, रूस भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बना हुआ है। मानेकशॉ सेंटर में आयोजित इस बैठक में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच की बैठक से दोनों देशों के बीच की विशेष साझेदारी और भी मजबूत होगी।