भारत में हथियारों का डेटाबेस लॉन्च, आतंकवाद और अपराध से लड़ाई को मिलेगी मजबूती
भारत ने संगठित अपराध और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए 'खोए, लूटे और बरामद हथियार' नामक एक डेटाबेस लॉन्च किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुरू किया गया यह डेटाबेस सरकारी हथियारों का विस्तृत रिकॉर्ड रखता है, जो विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। यह डेटाबेस पुलिस और जांच एजेंसियों को हथियारों के स्रोत और बरामदगी के पैटर्न का पता लगाने में मदद करेगा, जिससे जांच की दक्षता में वृद्धि होगी। जानें इस डेटाबेस के लाभ और इसके पीछे की रणनीति।
Dec 26, 2025, 16:21 IST
भारत में हथियारों का डेटाबेस लॉन्च
भारत ने संगठित अपराध, आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शुक्रवार को, देश में पहली बार 'खोए, लूटे और बरामद हथियार' नामक एक डेटाबेस का उद्घाटन किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस डेटाबेस का शुभारंभ किया, जिसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तैयार किया है। यह डेटाबेस एनआईए द्वारा आयोजित 'आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2025' के उद्घाटन सत्र में राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस डेटाबेस में उन सरकारी हथियारों का विस्तृत रिकॉर्ड शामिल है जो राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) से लूटे गए, चोरी हुए, गुम हुए या बरामद किए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य एक केंद्रीकृत भंडार बनाना है, जिसे सभी राज्य पुलिस बलों, अर्धसैनिक इकाइयों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आसानी से उपयोग किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि "डेटाबेस में सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से प्राप्त जानकारी शामिल है।
डेटाबेस की विशेषताएँ और लाभ
ये जानकारी एनआईए द्वारा संचालित एक विशेष डिजिटल इंटरफ़ेस पर अपलोड की जाती हैं, जिससे अधिकृत उपयोगकर्ताओं को निर्बाध पहुँच और वास्तविक समय में अपडेट मिलते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इस डेटाबेस की मदद से पुलिस और जांच एजेंसियों को हथियारों के स्रोत, आवागमन और बरामदगी के पैटर्न का पता लगाने में सहायता मिलेगी, जिससे आपराधिक और आतंकवाद से संबंधित जांचों की दक्षता में वृद्धि होगी। इस प्रकार के डेटा को केंद्रीकृत करके, अधिकारी न केवल खोए हुए हथियारों की निगरानी कर सकते हैं, बल्कि आतंकवाद और विद्रोह के खिलाफ निवारक तंत्र को भी मजबूत कर सकते हैं।
सुरक्षित भारत की दिशा में एक कदम
'खोए, लूटे गए और बरामद आग्नेयास्त्र' डेटाबेस का शुभारंभ एनआईए और केंद्रीय गृह मंत्रालय की कानून प्रवर्तन उपकरणों के आधुनिकीकरण, राज्यों के बीच समन्वय में सुधार और खुफिया जानकारी जुटाने में प्रौद्योगिकी के उपयोग की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों का मानना है कि यह डेटाबेस, संगठित आपराधिक नेटवर्क पर नज़र रखने के चल रहे प्रयासों के साथ मिलकर, एक सुरक्षित भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।