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भारत में स्टील उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना का तीसरा चरण शुरू

भारत सरकार ने स्पेशियलिटी स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) का तीसरा चरण शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य स्टील उत्पादन को बढ़ाना और आयात को कम करना है। केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बताया कि इस योजना से 13,284 लोगों को रोजगार मिला है और 2.6 करोड़ टन स्पेशियलिटी स्टील की क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह भारत को स्टील उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करेगी।
 

PLI योजना का नया चरण

देश में अच्छी क्वालिटी के स्टील का प्रोडक्शन बढ़ेगा. (फाइल फोटो)

भारत सरकार ने मंगलवार को स्पेशियलिटी स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) का तीसरा चरण आरंभ किया है। इस योजना का उद्देश्य देश में स्टील उत्पादन को बढ़ावा देना और आयात को कम करना है। केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस योजना का नाम PLI 1.2 रखा है। पहले दो चरणों में लगभग 44,000 करोड़ रुपये के निवेश का आश्वासन दिया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जुलाई 2021 में इस योजना को मंजूरी दी गई थी, जिसका लक्ष्य उच्च गुणवत्ता और विशेष प्रकार के स्टील का उत्पादन बढ़ाना है, जो रक्षा, एयरोस्पेस, ऊर्जा, ऑटोमोबाइल और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में उपयोग होता है। इस योजना की कुल राशि 6,322 करोड़ रुपये है और इसका लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में लगभग 2.6 करोड़ टन स्पेशियलिटी स्टील की क्षमता बढ़ाना है।


रोजगार के नए अवसर

13,284 लोगों को मिला रोजगार

कुमारस्वामी ने कहा, “अब तक इस योजना से लगभग 43,874 करोड़ रुपये के निवेश के वादे मिले हैं, जिससे देश में 14.3 मिलियन टन नई स्टील क्षमता जुड़ने की उम्मीद है।” सितंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, पहले दो चरणों में शामिल कंपनियों ने 22,973 करोड़ रुपये का निवेश किया है और 13,284 लोगों को रोजगार मिला है। मंत्री ने बताया कि पहले दो चरणों की प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत की नीतियां सुधारात्मक और उद्योग समर्थक हैं।


भारत का स्टील प्रोडक्शन हब बनने का सपना

स्टील प्रोडक्शन हब बनने की ओर भारत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि PLI 1.2 योजना के माध्यम से भारत उच्च गुणवत्ता वाले स्टील उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा। इस चरण में नए निवेश उन उत्पादों में किए जाएंगे जो भविष्य की उद्योग और रक्षा आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसे सुपर अलॉय, सीआरजीओ स्टील, स्टेनलेस स्टील, टाइटेनियम अलॉय और कोटेड स्टील। यह योजना पुराने और नए निवेशकों के लिए, विशेष रूप से एमएसएमई के लिए नए अवसर प्रदान करेगी, जिन्होंने पिछले चरणों के बाद अपनी योजनाओं को बढ़ाया या सुधारा है।