भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण में तेजी, नई परियोजनाओं की मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें ओडिशा में सिलिकॉन कार्बाइड आधारित इकाई और पंजाब तथा आंध्र प्रदेश में उन्नत सेमीकंडक्टर प्लांट शामिल हैं। इसके अलावा, लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना और अरुणाचल प्रदेश में जलविद्युत परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। ये सभी पहल भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होंगी।
Aug 12, 2025, 18:19 IST
भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र में नया कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है, जो न केवल देश की औद्योगिक क्षमता में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, बल्कि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज चार नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थापित होने वाली सिलिकॉन कार्बाइड आधारित सेमीकंडक्टर इकाई रक्षा, अंतरिक्ष, सैटेलाइट और रेल इंजन जैसे उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही, 3D ग्लास इकाई एयरोस्पेस, रडार और वायरलेस तकनीक के लिए आवश्यक उच्च गुणवत्ता वाले घटकों की घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। पंजाब के मोहाली और आंध्र प्रदेश में स्थापित होने वाले उन्नत सेमीकंडक्टर प्लांट भारत को उच्च क्षमता वाली चिप उत्पादन में सक्षम बनाएंगे, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात के अवसर बढ़ेंगे.
सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण
यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार का उद्देश्य केवल विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करना नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण करना है, जिसमें डिज़ाइन, उत्पादन, परीक्षण और पैकेजिंग से लेकर उच्च स्तरीय अनुसंधान तक सभी चरण शामिल हैं। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ और भारत को प्रौद्योगिकी महाशक्ति बनाने के संकल्प का ठोस प्रमाण है.
लखनऊ मेट्रो और जलविद्युत परियोजनाएँ
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5,801 करोड़ रुपये के बजट वाली 11.165 किलोमीटर लंबी लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को भी मंजूरी दी है, जिसमें 12 मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे। यह परियोजना लखनऊ के लिए एक महत्वपूर्ण विकास साबित होगी, जो बेहतर संपर्क, यातायात जाम में कमी, पर्यावरणीय लाभ, आर्थिक वृद्धि और जीवन की गुणवत्ता में सुधार का वादा करती है.
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले में तातो-द्वितीय जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए 8146.21 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है। इस परियोजना की अनुमानित अवधि 72 महीने है और यह 700 मेगावॉट (4 x 175 मेगावॉट) की स्थापन क्षमता के साथ 2738.06 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन करेगी, जो राज्य में विद्युत आपूर्ति में सुधार लाने में सहायक होगी.
मोदी सरकार की रणनीति
आज के कैबिनेट के निर्णय यह दर्शाते हैं कि मोदी सरकार का ध्यान तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है- तकनीकी आत्मनिर्भरता (चिप्स, सैटेलाइट, अंतरिक्ष अनुसंधान), अवसंरचना विकास (सड़क, मेट्रो, रेलवे) और स्वच्छ ऊर्जा तथा हरित विकास (हाइड्रो, डिजिटल कृषि, क्रिटिकल मिनरल्स).