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भारत में वियरेबल स्मार्ट ग्लास से यूपीआई लाइट भुगतान की नई सुविधा

भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ रही है, जहां वियरेबल स्मार्ट ग्लास के माध्यम से यूपीआई लाइट सुविधा का उपयोग किया जा सकता है। इस नई तकनीक के तहत, उपयोगकर्ताओं को मोबाइल फोन या पिन की आवश्यकता नहीं होगी। यह सुविधा छोटे और बार-बार किए जाने वाले लेनदेन के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे भुगतान प्रक्रिया और भी सरल हो जाती है। जानें इस नई सुविधा के बारे में और कैसे यह आपके दैनिक लेनदेन को प्रभावित कर सकती है।
 

डिजिटल भुगतान में नया बदलाव

भारत में डिजिटल लेनदेन के क्षेत्र में लगातार नए बदलाव हो रहे हैं। सरकार और संबंधित संस्थाएं आम उपयोगकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए नई सुविधाएं पेश कर रही हैं, ताकि उनके भुगतान और लेनदेन सुरक्षित रह सकें। अब, वियरेबल स्मार्ट ग्लास के माध्यम से यूपीआई लाइट सुविधा का उपयोग करके भुगतान किया जा सकता है। इसके लिए उपयोगकर्ताओं को केवल क्यूआर कोड स्कैन करना होगा और वॉयस कमांड देना होगा। खास बात यह है कि इसके लिए मोबाइल फोन या किसी पिन की आवश्यकता नहीं है।


बिना मोबाइल और पिन के भुगतान

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने बताया कि वियरेबल स्मार्ट ग्लास के जरिए यूपीआई लाइट से भुगतान संभव है। इस सुविधा के लिए न तो मोबाइल फोन की आवश्यकता है और न ही किसी पिन को दर्ज करना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025’ में इस नई डिजिटल भुगतान प्रणाली का अनावरण किया। यूपीआई लाइट विशेष रूप से छोटे और बार-बार किए जाने वाले लेनदेन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें मुख्य बैंकिंग प्रणाली पर निर्भरता कम होती है।


सहज भुगतान प्रक्रिया

एनपीसीआई ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दिखाया गया है कि स्मार्ट ग्लास पर यूपीआई लाइट से भुगतान करना कितना आसान है। यह प्रक्रिया 'देखो, बोलो, भुगतान करो' के सिद्धांत पर आधारित है। यह फीचर रोजमर्रा के लेनदेन जैसे खुदरा खरीदारी, भोजन और परिवहन के लिए बनाया गया है, जिससे डिजिटल भुगतान अधिक सरल और निर्बाध हो जाता है। एनपीसीआई ने इसे वियरेबल तकनीक में यूपीआई का पहला विस्तार बताया है, जिसे 'सहज, परिवेश भुगतान' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


कोर बैंकिंग सिस्टम पर कम दबाव

इस नई प्रणाली से बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं को भी लाभ होगा, क्योंकि नॉन-सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) वॉलेट लेनदेन से कोर बैंकिंग सिस्टम पर दबाव कम होगा। एनपीसीआई ने कहा कि वियरेबल स्मार्ट ग्लास के माध्यम से यूपीआई लाइट से भुगतान की व्यवस्था भारत को वैश्विक डिजिटल भुगतान नवाचार में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। एनपीसीआई देश में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणालियों का संचालन करती है और यूपीआई का स्वामित्व भी उसके पास है।