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भारत में महिला पायलटों की संख्या में वृद्धि, केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में महिला पायलटों की संख्या में वृद्धि की बात की, यह बताते हुए कि भारत में 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं। उन्होंने मुरैना में नए पासपोर्ट सेवा केंद्र की आधारशिला रखी, जिससे स्थानीय निवासियों को पासपोर्ट सेवाएं आसानी से मिल सकेंगी। इसके अलावा, उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना और अन्य सरकारी पहलों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी जोर दिया।
 

महिला पायलटों की बढ़ती संख्या

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को बताया कि भारत उन कुछ देशों में से एक है, जहां महिला पायलटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा।


महिलाओं की पायलट संख्या की तुलना

सिंधिया ने कहा कि विकसित देशों जैसे अमेरिका और यूरोप में महिला पायलटों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 15 प्रतिशत है। यह जानकारी उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान दी, जहां उन्होंने एक डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र की आधारशिला रखी और सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 38 लड़कियों को पासबुक वितरित की।


नए पासपोर्ट सेवा केंद्र का महत्व

उन्होंने आगामी डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र के बारे में बताया कि मुरैना और श्योपुर जिलों के निवासियों को अब पासपोर्ट सेवाओं के लिए ग्वालियर, गुना, भोपाल या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि यह सुविधा अब मुरैना में उपलब्ध होगी।


निर्माण की लागत और उद्देश्य

सिंधिया ने कहा, "इस प्रस्तावित भवन की लागत 30 लाख रुपये है, जो मुरैना लोकसभा क्षेत्र के निवासियों को पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करेगा। प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित करने का निर्णय नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए लिया गया है।"


महिलाओं के सशक्तिकरण की योजनाएं

उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में, भारत वैश्विक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण वाहक बनकर उभरा है। सुकन्या समृद्धि योजना और उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं, जिससे महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली है।" केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण संस्थागत भागीदारी को मजबूत कर रहा है।