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भारत में नया रोजगार कानून: वीबी जी राम जी विधेयक 2025 को मिली मंजूरी

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वीबी जी राम जी विधेयक 2025 को मंजूरी दी है, जो ग्रामीण रोजगार कानून 'मनरेगा' को प्रतिस्थापित करेगा। इस नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को 125 दिन की रोजगार गारंटी मिलेगी। विपक्ष ने इस विधेयक पर सवाल उठाए हैं, जिसमें गांधी नाम हटाने का आरोप भी शामिल है। जानें इस विधेयक के पीछे की कहानी और सरकार का स्पष्टीकरण।
 

भारत की राष्ट्रपति ने दिया वीबी जी राम जी विधेयक 2025 को हरी झंडी


नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) के तहत वीबी जी राम जी विधेयक 2025 को स्वीकृति प्रदान की है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, यह विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है। संसद ने विपक्ष के विरोध के बावजूद इस विधेयक को पारित किया, जिसका उद्देश्य मौजूदा ग्रामीण रोजगार कानून ‘मनरेगा’ को प्रतिस्थापित करना है।


इस नए कानून के अंतर्गत, ग्रामीण परिवारों को मिलने वाली वैधानिक मजदूरी की रोजगार गारंटी को बढ़ाकर एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 125 दिन कर दिया गया है। सरकार इसे ग्रामीण जीवन को सशक्त बनाने वाला एक ऐतिहासिक कदम मानती है।


विपक्ष ने उठाए सवाल

गांधी नाम हटाने का आरोप


जब यह विधेयक संसद में प्रस्तुत किया गया, तो इस पर देर रात तक चर्चा हुई। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह मनरेगा का नाम बदलने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि मनरेगा में महात्मा गांधी का नाम शामिल था, इसलिए बीजेपी इस नाम को हटाने के लिए यह विधेयक लाई है।


सरकार का स्पष्टीकरण

सरकार ने दी सफाई


विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए, सरकार ने कहा कि पहले की योजना में लोगों को 100 दिन का काम मिलता था, जबकि नए कानून के तहत अब कम से कम 125 दिन काम देना अनिवार्य है। इसके अलावा, इस नई योजना का उद्देश्य विकसित भारत-2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामीण विकास का ढांचा स्थापित करना है।