भारत में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में वृद्धि से सरकार को मिली राहत
भारत में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 8% की वृद्धि हुई है, जो सरकार के लिए राहत का संकेत है। इस वृद्धि का मुख्य कारण कॉर्पोरेट टैक्स में सुधार और टैक्स रिफंड में कमी है। जानें कैसे ये आंकड़े भारत की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं और सरकार को विकास योजनाओं के लिए अधिक संसाधन मिल रहे हैं।
Dec 19, 2025, 13:54 IST
भारत के टैक्स कलेक्शन में महत्वपूर्ण वृद्धि
नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन.
भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। वर्तमान वित्त वर्ष में 17 दिसंबर तक देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 8 प्रतिशत बढ़कर 17.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह वृद्धि तब हुई है जब सरकार ने टैक्स स्लैब में राहत दी है और रिफंड की प्रक्रिया को भी तेज किया है। आंकड़े दर्शाते हैं कि कंपनियों और टैक्स सिस्टम से सरकार को लगातार बेहतर राजस्व प्राप्त हो रहा है।
कॉर्पोरेट टैक्स का योगदान
इनकम टैक्स विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से 17 दिसंबर 2025 तक कुल नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 17,04,725 करोड़ रुपये रहा। पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 15,78,433 करोड़ रुपये था। इस प्रकार, साल-दर-साल आधार पर अच्छी वृद्धि देखी गई है। इस वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान कॉर्पोरेट टैक्स का रहा है, जो दर्शाता है कि कंपनियों की कमाई और टैक्स भुगतान दोनों में मजबूती आई है।
कंपनियों से टैक्स में सुधार
कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 8,17,310 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 7,39,353 करोड़ रुपये था। इसका अर्थ है कि कंपनियों की ओर से टैक्स भुगतान में सुधार हुआ है, जिससे सरकार को विकास योजनाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक संसाधन मिलते हैं।
आम टैक्सपेयर्स का योगदान
नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स, जिसमें सैलरी क्लास, प्रोफेशनल्स और छोटे कारोबारियों का टैक्स शामिल है, में भी वृद्धि हुई है। यह कलेक्शन 7,96,181 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,46,905 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इससे स्पष्ट है कि व्यक्तिगत आयकर से भी सरकार को लगातार समर्थन मिल रहा है।
रिफंड में कमी का प्रभाव
इस दौरान टैक्स रिफंड की राशि में कमी आई है। अब तक 2,97,069 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले वर्ष के 3,43,499 करोड़ रुपये से लगभग 13.5 प्रतिशत कम है। रिफंड में कमी के कारण नेट टैक्स कलेक्शन अपने आप मजबूत नजर आता है।
एडवांस टैक्स में वृद्धि
एडवांस टैक्स कलेक्शन में भी वृद्धि देखी गई है। इस वित्त वर्ष में अब तक एडवांस टैक्स 4.27 प्रतिशत बढ़कर 7,88,388 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें कॉर्पोरेट एडवांस टैक्स लगभग 8 प्रतिशत बढ़कर 6,07,300 करोड़ रुपये रहा, जबकि नॉन-कॉर्पोरेट एडवांस टैक्स में थोड़ी गिरावट आई है।
टैक्स सुधारों का प्रभाव
यह मजबूत टैक्स कलेक्शन ऐसे साल में आया है, जब सरकार ने टैक्स सिस्टम में बड़े बदलाव किए हैं। 2025 के बजट में व्यक्तिगत आयकर स्लैब को सरल और कम किया गया, ताकि लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचे और खर्च बढ़े। वहीं GST में भी दर को सरल बनाने और टैक्स चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।
कुल मिलाकर, डायरेक्ट टैक्स के ये आंकड़े भारत की आर्थिक स्थिति के लिए सकारात्मक संकेत देते हैं। इससे सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत होती है और आगे के विकास कार्यों को गति मिलती है।