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भारत में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें स्थिर, जानें नई जानकारी

भारत सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर 2025 की तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इस लेख में जानें कि कौन सी योजनाएं उपलब्ध हैं, उनके ब्याज दर क्या हैं, और निवेशकों के लिए क्या लाभ हैं। स्थिर ब्याज दरें परिवारों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। जानें कि कैसे सही योजना का चयन करें और भविष्य में ब्याज दरों में संभावित बदलावों के बारे में।
 

छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा

भारत सरकार हर वर्ष पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। ये दरें विशेष रूप से मध्यम वर्ग, पेंशनभोगियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। अक्टूबर से दिसंबर 2025 की तिमाही के लिए ब्याज दरों की घोषणा 30 सितंबर 2025 को की गई।


ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

इस बार सरकार ने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। इसका मतलब है कि 1 नवंबर 2025 से सभी पोस्ट ऑफिस योजनाओं पर पिछले तिमाही का ही ब्याज दर लागू रहेगा। सरकार हर तीन महीने में ब्याज दरों की समीक्षा करती है ताकि निवेशक बाजार की स्थिति के अनुसार लाभ उठा सकें।


मुख्य जानकारी – ब्याज दरें

1 नवंबर 2025 से भारत सरकार की सभी छोटी बचत योजनाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ये योजनाएं पोस्ट ऑफिस और बैंकों में उपलब्ध हैं, जिनमें PPF, NSC, SCSS, RD, TD, KVP और सुकन्या समृद्धि योजना शामिल हैं। इनकी ब्याज दरें वित्त मंत्रालय के आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार हैं।


ब्याज दरों का प्रभाव

इन योजनाओं की ब्याज दरें लाखों लोगों की आय पर प्रभाव डालती हैं। सरकार का निर्णय स्थिर रिटर्न और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।


पोस्ट ऑफिस योजनाओं की ब्याज दरें – अक्टूबर-दिसंबर 2025


योजना का नाम ब्याज दर (प्रतिवर्ष)
सेविंग्स अकाउंट 4%
1 वर्षीय टाइम डिपॉजिट 6.9%
2 वर्षीय टाइम डिपॉजिट 7.0%
3 वर्षीय टाइम डिपॉजिट 7.1%
5 वर्षीय टाइम डिपॉजिट 7.5%
5 वर्ष की रिकरिंग डिपॉजिट 6.7%
सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम 8.2%
मंथली इनकम अकाउंट स्कीम 7.4%
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट 7.7%
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) 7.1%
किसान विकास पत्र 7.5% (115 माह में मैच्योरिटी)
सुकन्या समृद्धि योजना 8.2%


ब्याज दरों में स्थिरता का कारण

सरकार ने ब्याज दरों को स्थिर रखकर निवेशकों को विश्वास दिलाया है। यह निर्णय श्यामला गोपीनाथ समिति के सुझावों और मौजूदा आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।


प्रमुख बचत योजनाओं के लाभ

  • PPF (Public Provident Fund): सुरक्षित, टैक्स-फ्री और दीर्घकालिक के लिए सबसे लोकप्रिय योजना।
  • SCSS (Senior Citizens Scheme): उच्चतम ब्याज दर और नियमित आय का विकल्प।
  • NSC (National Savings Certificate): मध्यम अवधि के निवेश के लिए सुरक्षित तरीका।
  • Kisan Vikas Patra: निश्चित अवधि में धन को दोगुना करने वाली योजना।


ब्याज दरों के लाभ और नुकसान

स्थिर ब्याज दरें परिवारों, पेंशनभोगियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद होती हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के समय जब FD दरें गिरती हैं, तब पोस्ट ऑफिस योजनाओं में निवेश सुरक्षित रहता है। हालांकि, ब्याज दरों में स्थिरता के कारण नए निवेश पर अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा।


टैक्स और सुरक्षा

इन योजनाओं में कुछ स्कीमों पर टैक्स लाभ मिलता है, जैसे PPF और 5 साल की FD। कभी-कभी ब्याज दरों में बदलाव से दीर्घकालिक निवेशक प्रभावित हो सकते हैं। सभी योजनाएं सरकार की गारंटी में आती हैं, इसलिए इन्हें सुरक्षित निवेश माना जाता है।


सही योजना का चयन कैसे करें

अपनी आवश्यकताओं, उम्र और रिटर्न के अनुसार योजना का चयन करें। छोटे निवेश के लिए RD और सेविंग्स अकाउंट, जबकि बड़ी राशि के लिए NSC, TD या SCSS सबसे अच्छे विकल्प हैं। लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना सबसे उपयुक्त है।


1 नवंबर से क्या बदलाव हुआ

पोस्ट ऑफिस योजनाओं पर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी। PPF, NSC, SCSS, सुकन्या समृद्धि, TD, RD – सभी पर पिछले तिमाही का ही ब्याज मिलेगा। यह दरें 1 नवंबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेंगी।


मुख्य बातें

सभी ब्याज दरें सरकारी नोटिफिकेशन पर आधारित हैं। पोस्ट ऑफिस में निवेश अभी भी सुरक्षित और स्थिर रिटर्न प्रदान करता है। टैक्स लाभ वाली बचत योजनाएं उपलब्ध हैं।


विस्तृत जानकारी: योजना का अवलोकन

योजना ब्याज दर


  • सेविंग अकाउंट 4%
  • 1 साल TD 6.9%
  • 2 साल TD 7.0%
  • 3 साल TD 7.1%
  • 5 साल TD 7.5%
  • RD 5 साल 6.7%
  • SCSS 8.2%
  • NSC 7.7%


छोटे निवेशकों के लिए सुझाव

मंथली इनकम के लिए मंथली इनकम स्कीम चुनें। टैक्स बचत के लिए PPF, 5 साल FD या सुकन्या योजना सबसे अच्छे विकल्प हैं। वरिष्ठ नागरिक SCSS से अधिक लाभ उठा सकते हैं।


आगे क्या?

अगली तिमाही की समीक्षा जनवरी 2026 में होगी। ब्याज दरें बढ़ेंगी या घटेंगी, यह बाजार और सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगा।