भारत में चांदी की अभूतपूर्व मांग: रिफाइनरियों का स्टॉक खत्म
चांदी की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि
नई दिल्ली: धनतेरस के अवसर पर भारत में चांदी की मांग इतनी बढ़ गई कि कई रिफाइनरियों के पास स्टॉक खत्म हो गया। MMTC-PAMP इंडिया, जो देश की सबसे बड़ी मेटल रिफाइनरी है, ने पहली बार अपने इतिहास में चांदी की कमी का सामना किया। कंपनी के ट्रेडिंग प्रमुख विपिन रैना ने कहा, 'मेरे 27 साल के करियर में मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा।' चांदी के सिक्कों और आभूषणों की भारी खरीदारी ने बाजार में हलचल मचा दी।
सोशल मीडिया का प्रभाव
इस बार दीवाली पर लोगों ने पारंपरिक सोने के बजाय चांदी में निवेश को प्राथमिकता दी। सोशल मीडिया पर कई प्रभावशाली व्यक्तियों ने बताया कि चांदी सोने की तुलना में सस्ती है और इसके दाम जल्द ही बढ़ सकते हैं। इस तरह के वीडियो ने लोगों के बीच चांदी की दीवानगी को और बढ़ा दिया। निवेश विशेषज्ञ सार्थक आहूजा का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने '100-टू-1 गोल्ड-सिल्वर रेशियो' का जिक्र किया, जिससे निवेशकों और आम खरीदारों ने बाजार से लगभग पूरा स्टॉक खरीद लिया।
वैश्विक बाजार में संकट
भारत में बढ़ती मांग के साथ-साथ चीन में छुट्टियों के कारण चांदी की सप्लाई में कमी आई, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। बुलियन डीलरों ने लंदन बाजार का रुख किया, लेकिन वहां भी स्थिति खराब थी। रिपोर्टों के अनुसार, लंदन के वॉल्ट्स लगभग खाली हो चुके थे, क्योंकि अधिकांश चांदी पहले ही ETF निवेशकों के पास थी। इससे बैंकों और ट्रेडरों दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई बैंकों ने तो कीमतें बताना भी बंद कर दिया।
कीमतों में उतार-चढ़ाव
भारी मांग के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 54 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर था। हालांकि, इसके बाद अचानक 6.7% की गिरावट आई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संकट 45 साल में सबसे बड़ा झटका है। भारत में धार्मिक खरीदारी, सोशल मीडिया की हलचल, और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता ने मिलकर चांदी के बाजार को प्रभावित किया है। वर्तमान में बाजार धीरे-धीरे स्थिर हो रहा है, लेकिन निवेशकों की नजरें चांदी के उज्ज्वल भविष्य पर टिकी हुई हैं।