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भारत में किरायेदारों के अधिकार: एडवर्स पजेशन का खतरा

भारत में संपत्ति की बढ़ती कीमतों के कारण कई लोग अदालतों में संपत्ति विवादों का सामना कर रहे हैं। खासकर, किरायेदारों द्वारा लंबे समय तक कब्जा करने की स्थिति में, एडवर्स पजेशन का खतरा बढ़ जाता है। इस लेख में जानें कि कैसे आप अपने संपत्ति के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं और एडवर्स पजेशन से बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। रेंट एग्रीमेंट के महत्व और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में जानें।
 

भारत में संपत्ति विवाद और किरायेदारों का कब्जा

भारत में संपत्ति की बढ़ती कीमतों के चलते अदालतों में कई मामले सामने आ रहे हैं। इनमें अक्सर देखा जाता है कि किरायेदार लंबे समय से किसी मकान या दुकान पर कब्जा जमाए हुए हैं।



संपत्ति को आमतौर पर स्थायी संपत्ति माना जाता है, जिसका मतलब है कि इसे कोई चुरा नहीं सकता। फिर भी, संपत्ति पर कब्जा करने का खतरा हमेशा बना रहता है। यदि कोई व्यक्ति आपकी संपत्ति पर 12 साल से अधिक समय तक रहता है, तो अदालतें अक्सर किरायेदार के पक्ष में निर्णय देती हैं।


जानकारी के लिए, इसे एडवर्स पजेशन कहा जाता है। किरायेदार इस कानून का हवाला देकर आपकी संपत्ति पर कब्जा कर सकता है। यदि आपने भी लंबे समय से अपनी संपत्ति किराए पर दी है, तो इस नियम को जानना आपके लिए महत्वपूर्ण है।


एडवर्स पजेशन क्या है?

ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के अनुसार, एडवर्स पजेशन तब होता है जब कोई व्यक्ति 12 साल तक किसी संपत्ति पर कब्जा बनाए रखता है। हालांकि, इसके लिए कुछ कठिन शर्तें होती हैं। छोटी-छोटी गलतियों के कारण आप अपनी संपत्ति को विवाद में डाल सकते हैं, जिससे किरायेदार एडवर्स पजेशन का दावा कर सकता है।


भारत में कई लोग इस बात से अनजान हैं कि एडवर्स पजेशन के तहत किरायेदार आपकी संपत्ति पर कब्जा कर सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि इससे कैसे बचा जाए? सबसे पहले, यदि आपकी संपत्ति किराए पर है, तो आपको एक रेंट एग्रीमेंट बनवाना चाहिए और इसे 11 महीने की अवधि पर नवीनीकरण करते रहना चाहिए।


इससे आपके पास यह प्रमाण होगा कि संपत्ति आपके नाम पर है और किरायेदार केवल एक किरायेदार है। रेंट एग्रीमेंट हमेशा 11 महीने का होना चाहिए। यदि मकान मालिक लगातार 12 महीने तक अपनी संपत्ति को किराए पर नहीं दिखाता है, तो एडवर्स पजेशन का दावा नहीं किया जा सकता।