×

भारत में एमबीबीएस सीटों में वृद्धि: 2025-26 के लिए नया डेटा जारी

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए एमबीबीएस सीटों में वृद्धि का नया आंकड़ा जारी किया है। इस वर्ष कुल 1,28,875 सीटें उपलब्ध हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11,350 अधिक हैं। हालांकि, पहले की रिपोर्ट में यह वृद्धि 11,400 सीटों की बताई गई थी। राज्यवार आंकड़ों में कर्नाटक और तमिलनाडु सबसे आगे हैं। नीट यूजी 2025 की काउंसलिंग प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होगी। यह वृद्धि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों का संकेत देती है।
 

एमबीबीएस सीटों में वृद्धि का नया आंकड़ा

एमबीबीएस सीटों में बढ़ोतरी (फाइल फोटो)

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए एमबीबीएस सीटों का नया मैट्रिक्स जारी किया है। इस अपडेट के अनुसार, देशभर में मेडिकल कॉलेजों की कुल सीटें बढ़कर 1,28,875 हो गई हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11,350 अधिक हैं। हालांकि, पहले जारी आंकड़ों में यह वृद्धि 11,400 सीटों की बताई गई थी। एनएमसी ने स्पष्ट किया कि यह अंतर डेटा अपडेट के दौरान तकनीकी और टाइपिंग त्रुटियों के कारण हुआ। नया सीट मैट्रिक्स एनएमसी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

एमबीबीएस सीटों की संख्या में वृद्धि

एनएमसी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब 819 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें कुल 1,28,875 एमबीबीएस सीटें हैं। पिछले वर्ष, यह संख्या 1,17,750 थी, जिससे 11,350 सीटों की वृद्धि हुई है। पहले एनएमसी ने संशोधित सूची में 11,400 सीटों की वृद्धि दिखाई थी, लेकिन अब नई रिपोर्ट में 50 सीटें कम दर्ज की गई हैं।

एनएमसी ने बताया कि 2025-26 के नवीनीकरण प्रक्रिया के दौरान डेटा एंट्री में हुई गलतियों के कारण 456 सीटें हटाई गईं, जिससे कुल सीटों में थोड़ी कमी आई। फिर भी, यह अब तक का सबसे बड़ा विस्तार है, जो मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर प्रदान करेगा।

राज्यवार सीटों का वितरण

राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक (13,944 सीटें) और तमिलनाडु (13,050 सीटें) देश में सबसे आगे हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश (13,425), महाराष्ट्र (12,824) और तेलंगाना (9,540) का स्थान आता है। वहीं, दिल्ली में सीटों की संख्या घटकर 1,396 रह गई है।

काउंसलिंग का कार्यक्रम

एनएमसी के अनुसार, नीट यूजी 2025 की स्ट्रे वैकेंसी राउंड काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन 4 नवंबर से शुरू होगा। इस राउंड में वे उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे जिन्हें अब तक कोई सीट नहीं मिली। आवंटित कॉलेज में सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा।

यदि कोई उम्मीदवार आवंटित सीट पर रिपोर्ट नहीं करता है, तो उसे एक वर्ष तक नीट परीक्षा में बैठने से प्रतिबंधित किया जाएगा और उसकी काउंसलिंग फीस भी जब्त कर ली जाएगी। एमबीबीएस सीटों में यह वृद्धि भारत में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जिससे अधिक छात्रों को डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा और देश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति मजबूत होगी।