भारत में अवैध ड्रग्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई: गृह मंत्री अमित शाह का बयान
भारत में ड्रग्स का बढ़ता संकट
भारत में 7% जनसंख्या अवैध नशीले पदार्थों का सेवन करती है, जिसमें विभिन्न प्रकार के ड्रग्स शामिल हैं। यह जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को साझा की। उन्होंने ड्रग प्रवर्तन एजेंसियों को इस गंभीर समस्या को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।
2024 में रिकॉर्ड मात्रा में ड्रग्स की जब्ती
गृह मंत्री ने बताया कि 2024 में 16,914 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ जब्त किए गए, जो अब तक की सबसे बड़ी मात्रा है। इसके साथ ही, उन्होंने 'ड्रग डिस्पोजल पखवाड़ा' की शुरुआत की, जिसके तहत अगले 10 दिनों में 8,600 करोड़ रुपये मूल्य के एक लाख किलोग्राम ड्रग्स को नष्ट किया जाएगा।
पिछले 10 वर्षों में ड्रग्स की जब्ती में वृद्धि
शाह ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच 3.63 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त हुए थे, जबकि 2014 से 2024 के बीच यह संख्या बढ़कर 24 लाख किलोग्राम हो गई। 10 साल पहले जब्त ड्रग्स की कीमत 8,150 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 56,861 करोड़ रुपये हो गई है।
अवैध प्रयोगशालाओं का खुलासा
शाह ने बताया कि भारत पूर्ववर्ती रसायनों का एक बड़ा उत्पादक है, लेकिन यह ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में एक चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि जब पारंपरिक ड्रग्स पर सख्ती होती है, तो माफिया रासायनिक ड्रग्स की ओर बढ़ जाते हैं। देशभर में 50 से अधिक अवैध ड्रग प्रयोगशालाएं पकड़ी गई हैं।
मोदी सरकार का नया दृष्टिकोण
2019 से, मोदी सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है। अब छोटे मामलों से बड़े तस्करों तक पहुंचने और पूरे नेटवर्क को समाप्त करने की रणनीति अपनाई जा रही है। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि ड्रग माफियाओं को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।