भारत में 7वें इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो 2025 का सफल आयोजन
बेंगलुरु में हाल ही में आयोजित 7वें इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो 2025 में 220 MSMEs ने भाग लिया। इस शो का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। शो का मुख्य उद्देश्य एयरोस्पेस और रक्षा इंजीनियरिंग में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा देना था। उद्योगपति मगनभाई पटेल ने इस अवसर पर MSME के योगदान और हिंदी भाषा के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने दक्षिण भारत के विकास की संभावनाओं और केंद्र सरकार की नीतियों के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला।
Nov 18, 2025, 20:09 IST
इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो 2025 का उद्घाटन
हाल ही में बेंगलुरु में लघु उद्योग भारती और एक प्रमुख प्रदर्शनी आयोजक द्वारा 7वें इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो 2025 (IMS 2025) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से 220 MSMEs के 450 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया। शो का उद्घाटन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। तीन दिवसीय इस शो में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय MSME और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, इसरो के अध्यक्ष वी. नारायण, और DRDO के अध्यक्ष समीर वी. कामत भी उपस्थित थे। इस शो का मुख्य उद्देश्य एयरोस्पेस और रक्षा इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा देना था, जिसके तहत प्रदर्शकों ने विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारों का प्रदर्शन किया।
उद्योगों की भागीदारी और योगदान
गुजरात के उद्योगपति मगनभाई पटेल द्वारा स्थापित जतिन ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, शाम इंडस्ट्रीज और फ्लोस्टर इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड ने भी इस शो में भाग लिया। राकेशभाई भेसदड़िया, जो जतिन ग्रुप में डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट हैं, ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और इसे एक अध्ययन रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यदि हम सरकार और विभिन्न NGOs के साथ मिलकर काम करें, तो देश के दूरदराज के क्षेत्रों का विकास संभव है, जिससे कृषि, डेयरी उद्योग और MSME क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
मगनभाई पटेल ने कहा कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, हमें देश के सुदूरतम क्षेत्रों के नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब घरेलू रक्षा उत्पादन की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल, भारत ने अपने घरेलू उद्योग के लिए 90% ऑर्डर दिए थे। आत्मनिर्भर भारत के मिशन के तहत, भारत 2030 तक विनिर्माण के माध्यम से वैश्विक अर्थव्यवस्था में 500 बिलियन डॉलर जोड़ सकता है।
बेंगलुरु का विकास और महत्व
मगनभाई पटेल ने बेंगलुरु के बारे में भी जानकारी दी, इसे भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है। 2023 तक, इस महानगर का सकल घरेलू उत्पाद 359.9 बिलियन डॉलर था। बेंगलुरु न केवल आईटी का केंद्र है, बल्कि यह विनिर्माण अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। यहां उच्च शिक्षा के कई संस्थान भी हैं।
हिंदी भाषा का महत्व
पटेल ने हिंदी भाषा के विरोध पर भी चर्चा की, जो 1930-1960 के दशक में तमिलनाडु में शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए, ताकि देश के विकास में योगदान हो सके।
दक्षिण भारत में विकास की संभावनाएं
मगनभाई पटेल ने दक्षिण भारत के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण दक्षिण क्षेत्र में विकास हो रहा है। यदि हम प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करें, तो देश की अर्थव्यवस्था में सुधार संभव है।
MSME का योगदान
पटेल ने बताया कि MSME भारत में रोजगार का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है, जो लगभग 30 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। MSME देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30%, विनिर्माण में 45% और निर्यात में 40% का योगदान करते हैं।