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भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास 'शक्ति' का 8वां संस्करण शुरू

भारतीय सेना की 90 कर्मियों की टुकड़ी ने फ्रांस में 'शक्ति' सैन्य अभ्यास के 8वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रस्थान किया है। यह अभ्यास 18 जून से 1 जुलाई तक चलेगा और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करना है। इसमें अर्ध-शहरी क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो सामरिक अभ्यासों और नई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह अभ्यास भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को भी उजागर करेगा।
 

भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास 'शक्ति'

भारतीय सेना की 90 कर्मियों की एक टुकड़ी फ्रांस में आयोजित होने वाले भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास 'शक्ति' के आठवें संस्करण में भाग लेने के लिए रवाना हो गई है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस टुकड़ी में जम्मू और कश्मीर राइफल्स के सदस्य और अन्य सेवाओं के कर्मी शामिल हैं, जो 18 जून से 1 जुलाई तक फ्रांस के ला कैवेलरी में कैंप लारजैक में अभ्यास करेंगे। वहीं, फ्रांसीसी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व 13वीं विदेशी लीजन हाफ-ब्रिगेड (13वीं डीबीएलई) द्वारा किया जाएगा। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच अंतर-संचालन को बढ़ावा देना और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना है। बयान में कहा गया है कि यह अभ्यास भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को उजागर करेगा।


अभ्यास का उद्देश्य और महत्व

द्विवार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास 'शक्ति' संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत उप-पारंपरिक वातावरण में संयुक्त संचालन पर केंद्रित है, जिसमें अर्ध-शहरी क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के लिए सामरिक अभ्यासों का पूर्वाभ्यास और परिशोधन करने, रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं (टीटीपी) में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और नई पीढ़ी के उपकरणों पर प्रशिक्षण देने का एक मंच प्रदान करेगा। यह दोनों सेनाओं के बीच शारीरिक सहनशक्ति, टीम भावना, आपसी सम्मान और पेशेवर सौहार्द को भी बढ़ावा देगा।


सैन्य संबंधों को मजबूत करना

'शक्ति' का यह संस्करण भारत और फ्रांस के बीच सैन्य-से-सैन्य संबंधों और परिचालन समन्वय को और गहरा करेगा, जो उनकी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप है। यह अभ्यास भारतीय और फ्रांसीसी सेनाओं के बीच द्विवार्षिक प्रशिक्षण का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतर-संचालन, परिचालन समन्वय और सैन्य संपर्क को बढ़ाना है। यह संस्करण उप-पारंपरिक वातावरण में संयुक्त संचालन पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें अर्ध-शहरी क्षेत्रों में प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। यह अभ्यास दोनों टुकड़ियों को सामरिक अभ्यासों का अभ्यास करने और उन्हें निखारने, नई पीढ़ी के उपकरणों पर प्रशिक्षण लेने और शारीरिक सहनशक्ति को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा।