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भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान की नई सुरक्षा तैयारी

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर कई हवाई हमले किए, जिससे उसे गंभीर नुकसान हुआ। इस हार के बाद, पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एलओसी के पास एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती बढ़ा दी है। जानें कि पाकिस्तान ने किस प्रकार की नई सुरक्षा रणनीतियाँ अपनाई हैं और ऑपरेशन सिंदूर की वर्तमान स्थिति क्या है।
 

पाकिस्तान की नई सुरक्षा रणनीति

नई दिल्ली
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर कई हवाई हमले किए थे, जिससे उसे गंभीर नुकसान हुआ। इस हार के बाद पाकिस्तान ने एलओसी के निकट एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती को बढ़ा दिया है, ताकि भविष्य में भारत के हवाई हमलों का सामना कर सके। हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के चीनी एंटी ड्रोन सिस्टम ने कोई प्रभाव नहीं डाला, जिससे भारत ने अपनी इच्छानुसार लक्ष्य भेदे।

रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने पीओके के क्षेत्रों में एंटी ड्रोन तैनाती को बढ़ाया है। रावलकोट, कोटली, और भीमबर सेक्टर में नए काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम (C-UAS) स्थापित किए गए हैं। पाकिस्तान ने 30 विशेष एंटी-ड्रोन सिस्टम्स लगाए हैं, जिससे वह अपने एयरस्पेस की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है।

पाकिस्तानी सेना ने इलेक्ट्रॉनिक और काइनेटिक काउंटर यूएएस सिस्टम का संयोजन किया है, जो 10 किलोमीटर की दूरी पर आने वाले ड्रोन का पता लगाने में सक्षम है। हालांकि, यह युद्ध के समय में कितनी प्रभावी होगी, यह भविष्य में ही स्पष्ट होगा। इसके अलावा, पाकिस्तान सफराह एंटी यूएवी जैमिंग गन का उपयोग करता है, जो कंधे से चलाने योग्य है और 1.5 किलोमीटर की दूरी पर आने वाले ड्रोन को नष्ट कर सकता है।

ऑपरेशन सिंदूर की निरंतरता
पिछले अप्रैल में, पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में कई पर्यटकों की जान ली थी। इसके बाद भारत ने मई में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पीओके से लेकर पाकिस्तान तक आतंकियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। इस कार्रवाई में कई आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर से गुजरात तक तुर्की ड्रोन के माध्यम से हमले की कोशिश की, लेकिन भारत ने कई पाकिस्तानी एयरबेस को नष्ट कर दिया। हालांकि, दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा हुई, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। यदि पाकिस्तान की ओर से कोई और हमला होता है, तो उसे 'एक्ट ऑफ वॉर' माना जाएगा।