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भारत पर ट्रंप के टैरिफ का समाजवादी पार्टी ने किया विरोध

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ के खिलाफ समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस धमकी का भारत की अर्थव्यवस्था या एकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रसाद ने सरकार से संसद में इस बयान की निंदा करने का प्रस्ताव पेश करने का आग्रह किया। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी इस आर्थिक बोझ का विरोध किया है। ट्रंप के कार्यकारी आदेश के तहत भारत से आयात पर यह टैरिफ लगाया गया है, जिसे विदेश मंत्रालय ने अनुचित करार दिया है।
 

ट्रंप की धमकी पर प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद, समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने गुरुवार को ट्रंप की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस धमकी का भारत की अर्थव्यवस्था या एकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रसाद ने सरकार से संसद में इस बयान की निंदा करने का प्रस्ताव पेश करने का अनुरोध किया। एएनआई से बातचीत में, उन्होंने कहा कि यह बात सही नहीं है। ट्रंप की धमकी हमारे देश की अर्थव्यवस्था, विकास या विविधता में एकता के सूत्र को कमजोर नहीं कर सकती। उन्हें कुछ बड़ी गलतफहमियाँ हैं। 


सरकार से निंदा प्रस्ताव की मांग

अवधेश प्रसाद ने आगे कहा कि सरकार को सदन में उनके खिलाफ चेतावनी और निंदा प्रस्ताव पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे झंडे की दुनिया में शान और पहचान है, इसलिए हमें किसी भी प्रकार की धमकी नहीं दी जानी चाहिए। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी कहा कि हम ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए इस आर्थिक बोझ का विरोध करते हैं, क्योंकि इससे हमारे निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाया गया टैरिफ वापस लिया जाना चाहिए।


ट्रंप का कार्यकारी आदेश

डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत से आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया। ट्रंप ने इस वृद्धि के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया और कहा कि भारत द्वारा रूसी तेल का आयात, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, अमेरिका के लिए एक "असामान्य और असाधारण खतरा" है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस कदम को "अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण" करार देते हुए कहा कि नई दिल्ली अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।


अमेरिकी अधिकारियों की प्रतिक्रिया

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने एएनआई को बताया कि सैकड़ों अरब डॉलर के रूसी तेल के बढ़ते भारतीय आयात और रूसी वस्तुओं के मामूली अमेरिकी आयात के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि रूसी तेल के बढ़ते भारतीय आयात का मूल्य अमेरिकी आयात के 1% से भी कम है।