भारत ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया हाइपरसोनिक मिसाइल 'विष्णु'
भारत की नई हाइपरसोनिक मिसाइल
भारत ने एक नई हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जो 1500 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से आठ गुना तेज, यानी लगभग 11000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरती है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 'प्रोजेक्ट विष्णु' के तहत विकसित किया है। इस मिसाइल का नाम एक्सटेंडेड ट्राजेक्टरी लॉन्ग रेंज हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ET LDHCM) रखा गया है, जो ब्रह्मोस से भी तेज और अधिक दूरी तक मार करने वाली है.
ध्वनि से आठ गुना तेज
ET LDHCM मिसाइल एक स्क्रैमजेट इंजन द्वारा संचालित होती है, जो हवा में मौजूद ऑक्सीजन से ऊर्जा प्राप्त करती है। इसकी गति Mach 8 है, जबकि ब्रह्मोस की गति केवल Mach 3 है। इसकी रेंज 1500 किलोमीटर है, जबकि ब्रह्मोस की अधिकतम सीमा लगभग 450 किलोमीटर है। इसका मतलब है कि यह मिसाइल दुश्मन के ठिकानों तक तेजी से और अधिक दूरी तक पहुंच सकती है.
रडार को चकमा देने की क्षमता
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह मिसाइल 1000 से 2000 किलोग्राम तक का पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है। यह बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है, जिससे यह रडार को चकमा देती है। इसकी टारगेटिंग सटीक है और यह उड़ान के दौरान दिशा भी बदल सकती है। इसे जमीन, हवा या समुद्र से दागा जा सकता है, जिससे यह युद्ध के समय में अत्यधिक उपयोगी साबित हो सकती है.
उच्च तापमान में भी सटीकता
यह मिसाइल 2000 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी स्थिरता से कार्य करती है। इसका डिज़ाइन इसे तेज, सटीक और टिकाऊ बनाता है, जो आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं के अनुरूप है.
हाइपरसोनिक तकनीक में भारत का प्रवेश
वर्तमान में, अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसी हाइपरसोनिक तकनीक के मालिक हैं। अब भारत भी इस विशेष क्लब में शामिल हो सकता है। यह मिसाइल भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अपनी रक्षा को मजबूत करने और चीन के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संतुलन बनाने में मदद करेगी। इस परीक्षण को भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.