भारत ने बांग्लादेश के आरोपों का किया खंडन, कहा- अवामी लीग की गतिविधियाँ बेबुनियाद
भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि अवामी लीग के सदस्य भारतीय धरती पर बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं। मंत्रालय ने इन दावों को निराधार बताया और भारतीय भूमि से किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति न देने की बात कही। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से अनुरोध किया है कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी बांग्लादेशी नागरिक बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों में संलग्न न हो। इस स्थिति के पीछे छात्रों के नेतृत्व में हुए आंदोलन का भी जिक्र किया गया है।
Aug 21, 2025, 17:54 IST
भारत का स्पष्ट खंडन
भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उन दावों का सख्त खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग के सदस्य भारतीय भूमि पर बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं। मंत्रालय ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। भारत सरकार को अवामी लीग के कथित सदस्यों द्वारा किसी भी बांग्लादेश विरोधी गतिविधि या भारतीय कानून के खिलाफ किसी कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह भारतीय धरती से अन्य देशों के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति नहीं देती। इसलिए, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का बयान गलत है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को भारत से अनुरोध किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसकी भूमि से कोई भी बांग्लादेशी नागरिक बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों में शामिल न हो।
अवामी लीग के कार्यालयों पर चिंता
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार का ध्यान उन रिपोर्टों पर गया है, जिनमें कहा गया है कि प्रतिबंधित अवामी लीग ने भारत में कार्यालय खोले हैं। मंत्रालय ने भारतीय अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि को अनुमति या समर्थन न दें। इसमें भारतीय धरती पर अवामी लीग के राजनीतिक कार्यालयों को तुरंत बंद करने की मांग भी शामिल है।
छात्र आंदोलन और राजनीतिक स्थिति
5 अगस्त, 2024 को छात्रों के नेतृत्व में एक आंदोलन ने अवामी लीग की सरकार को उखाड़ फेंका, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दिया और भारत भाग गईं। बयान में कहा गया है कि बांग्लादेशी नागरिकों, विशेषकर किसी प्रतिबंधित राजनीतिक दल के फरार नेताओं/कार्यकर्ताओं द्वारा, भारतीय धरती पर कानूनी या अवैध रूप से रहकर, कार्यालयों की स्थापना सहित, बांग्लादेश के हितों के खिलाफ किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि, बांग्लादेश की जनता और राज्य का स्पष्ट अपमान है।