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भारत ने पाकिस्तान के हवाई हमलों की निंदा की, पड़ोसियों को दोष देने की आदत पर उठाए सवाल

भारत ने हाल ही में अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान की यह पुरानी आदत है कि वह अपनी आंतरिक विफलताओं के लिए पड़ोसी देशों को दोषी ठहराता है। पिछले साल के हमलों में 46 नागरिकों की मौत हुई थी, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। तालिबान ने भी इस पर कड़ा विरोध जताया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बारे में।
 

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया


भारत सरकार ने अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान की यह पुरानी आदत है कि वह अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए पड़ोसी देशों को जिम्मेदार ठहराता है।


पिछले वर्ष सितंबर में, पाकिस्तानी वायु सेना ने अफगानिस्तान में हवाई हमले किए थे, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 46 लोग मारे गए थे।


24 दिसंबर को हुए हवाई हमलों में कम से कम 46 नागरिकों की जान गई। इसके चार दिन बाद, अफगान तालिबान ने कहा कि उन्होंने इन हमलों के जवाब में विवादित डूरंड रेखा के पास कई लक्ष्यों को निशाना बनाया।


तालिबान की प्रतिक्रिया

25 दिसंबर को, अफगान तालिबान के प्रवक्ता ने बताया कि काबुल में पाकिस्तानी राजदूत को हवाई हमलों के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि यह हमला तब हुआ जब पाकिस्तान के विशेष दूत मोहम्मद सादिक काबुल में आधिकारिक वार्ता के लिए मौजूद थे। तालिबान ने पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई को संप्रभुता का उल्लंघन और दोनों देशों के बीच अविश्वास बढ़ाने का प्रयास बताया।


भारत की स्थिति

भारत ने हमले के लगभग एक सप्ताह बाद अपनी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने महिलाओं और बच्चों सहित अफगान नागरिकों पर हवाई हमलों की मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान दिया है। हम निर्दोष नागरिकों पर किसी भी हमले की कड़ी निंदा करते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की यह आदत रही है कि वह अपनी आंतरिक विफलताओं के लिए पड़ोसियों को दोषी ठहराता है।


पाकिस्तान का बचाव

पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि हवाई हमले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को निशाना बनाने के लिए किए गए थे, जो अफगानिस्तान को अपने हमलों के लिए आधार बना रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में लगभग 6000 टीटीपी लड़ाके मौजूद हैं। तालिबान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि टीटीपी पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा है।


तालिबान का समर्थन

यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान का सैन्य प्रतिष्ठान दशकों से अफगान तालिबान के प्रमुख तत्वों को समर्थन और आश्रय प्रदान करता रहा है। उन्होंने यह मान लिया था कि अगस्त 2021 में काबुल में सत्ता संभालने के बाद तालिबान टीटीपी पर नियंत्रण रखने में मदद करेगा, लेकिन तालिबान ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है।