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भारत ने नेपाल की नई प्रधानमंत्री को दी बधाई, शांति और समृद्धि का किया आश्वासन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल की नई प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को बधाई दी है, यह दर्शाते हुए कि भारत नेपाल के लोगों की शांति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है। कार्की, जो भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता हैं, नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। उनके शपथ ग्रहण समारोह में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं। राष्ट्रपति पौडेल ने नई कार्यवाहक सरकार को छह महीने में चुनाव कराने का निर्देश दिया है। इस बीच, नेपाल में राजनीतिक गतिरोध को संविधान के दायरे में सुलझाने की अपील की गई है।
 

भारत का नेपाल के प्रति समर्थन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत नेपाल के लोगों की शांति, विकास और समृद्धि के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने नेपाल की नई प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को शुभकामनाएं भी दीं। भारत सरकार ने पहले ही नेपाल में पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत किया था, और आशा व्यक्त की थी कि इससे पड़ोसी देश में शांति और स्थिरता आएगी। कार्की, जो भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता हैं, नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। उन्हें छात्र समूहों द्वारा चुने जाने के बाद राष्ट्रपति द्वारा शपथ दिलाई गई, जिनके विरोध प्रदर्शनों के कारण पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा।


कार्की का शपथ ग्रहण समारोह

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 73 वर्षीय कार्की को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति ने कहा कि नई कार्यवाहक सरकार को छह महीने के भीतर नए संसदीय चुनाव कराने का कार्य सौंपा गया है। शपथ ग्रहण समारोह में नेपाल के प्रधान न्यायाधीश, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सुरक्षा प्रमुख और राजनयिक समुदाय के सदस्य शामिल हुए। इससे पहले, राष्ट्रपति पौडेल ने नेपाल के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और 'जेन जेड' के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना।


राजनीतिक गतिरोध का समाधान

राष्ट्रपति पौडेल ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त करने से पहले प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं, कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक संस्थाओं के सम्मानित व्यक्तियों से विचार-विमर्श किया। 'जेन जेड' पीढ़ी के युवाओं, जो 1997 से 2012 के बीच जन्मे हैं, ने प्रदर्शन में भ्रष्टाचार पर अंकुश, पक्षपात को समाप्त करने और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने की मांग की। इससे पहले, नेपाल की प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे और ऊपरी सदन 'राष्ट्रीय सभा' के अध्यक्ष नारायण दाहाल ने मौजूदा राजनीतिक गतिरोध को संविधान के दायरे में सुलझाने का आह्वान किया।