भारत ने दलाई लामा संस्था के भविष्य पर स्पष्ट किया अपना रुख
भारत ने दलाई लामा की संस्था के भविष्य पर अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि भारत सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन करता है। इस बीच, चीन ने भारत की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है और तिब्बत से संबंधित मामलों में सावधानी बरतने की सलाह दी है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
Jul 4, 2025, 18:58 IST
भारत का आधिकारिक बयान
हाल ही में दलाई लामा द्वारा उनकी संस्था के भविष्य के बारे में की गई टिप्पणियों पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत धार्मिक विश्वासों या प्रथाओं से संबंधित मामलों में कोई विशेष रुख नहीं अपनाता है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार दलाई लामा की संस्था की निरंतरता के बारे में उनके बयान से संबंधित रिपोर्टों को देख चुकी है।
धर्म की स्वतंत्रता पर भारत का रुख
जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार आस्था और धर्म से जुड़े मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है। उन्होंने भारत की संवैधानिक प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार हमेशा सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन करती है और इसे बनाए रखने का प्रयास करती रहेगी।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने भारत के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने कहा था कि दलाई लामा को अपने उत्तराधिकारी का चुनाव करने का अधिकार होना चाहिए। चीन ने भारत से तिब्बत से संबंधित मामलों में सावधानी बरतने का आग्रह किया है, ताकि द्विपक्षीय संबंधों पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इस मुद्दे पर प्रेस वार्ता में कहा कि भारत को दलाई लामा की चीन विरोधी गतिविधियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए और तिब्बत से संबंधित अपने वादों का सम्मान करना चाहिए।