भारत ने ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन का स्वागत किया, यूक्रेन में शांति के लिए संवाद की सराहना की
भारत का सकारात्मक दृष्टिकोण
भारत ने हाल ही में अलास्का में हुए ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण है। विदेश मंत्रालय ने इस बैठक की प्रशंसा करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नेतृत्व शांति की दिशा में प्रयासों में 'अत्यधिक प्रशंसनीय' है।
यूक्रेन संघर्ष का समाधान
नई दिल्ली ने यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए कूटनीति के महत्व को भी उजागर किया। मंत्रालय ने कहा, 'भारत शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है। आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है। दुनिया यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र अंत की कामना करती है।'
ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह तुरंत रूस या उसके व्यापारिक साझेदारों पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाने की योजना नहीं बना रहे हैं। इसका मतलब है कि भारत जैसे देशों को, जो रूस के साथ व्यापारिक संबंध रखते हैं, फिलहाल दंड का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, ट्रंप ने चेतावनी दी कि वह अगले दो से तीन सप्ताह में इस निर्णय की समीक्षा कर सकते हैं।
अलास्का शिखर सम्मेलन का परिणाम
अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच उच्च-स्तरीय शिखर सम्मेलन शुक्रवार को बिना किसी समझौते के समाप्त हुआ। यह संघर्ष, जो अब चौथे वर्ष में है, 1945 के बाद से यूरोप में सबसे घातक माना जाता है। ट्रंप ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमने कई बिंदुओं पर सहमति जताई है, लेकिन अभी कोई समझौता नहीं हुआ है।'
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बारे में
ट्रंप ने कहा, 'अब यह राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की पर निर्भर है कि वह इसे पूरा करें। और मैं यह भी कहूंगा कि यूरोपीय देशों को थोड़ा शामिल होना चाहिए - लेकिन यह राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की पर निर्भर है।'