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भारत ने 'इमरजेंसी' फिल्म की स्क्रीनिंग में बाधा पर ब्रिटेन से सख्त कार्रवाई की मांग की

भारत सरकार ने ब्रिटेन में कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग में बाधा डालने की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने खालिस्तान समर्थक समूहों को जिम्मेदार ठहराते हुए ब्रिटेन सरकार से सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई है। फिल्म को लेकर उठे विवाद और सिख समुदाय की चिंताओं के बीच, भारत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

भारत का कड़ा रुख


नेशनल डेस्क: ब्रिटेन में कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग में आई रुकावटों पर भारत सरकार ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। सरकार ने इस मुद्दे पर यूके सरकार से सख्त कदम उठाने की अपेक्षा की है।


भारत ने शुक्रवार को कहा कि लंदन में एक सिनेमा हॉल पर हमले और 'इमरजेंसी' फिल्म की स्क्रीनिंग में बाधा डालने वाले खालिस्तान समर्थक समूहों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। भारत ने उम्मीद जताई कि ब्रिटेन सरकार इन अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी।


फिल्म 'इमरजेंसी' में कंगना रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं, जो 1975 से 1977 तक की 21 महीने की आपातकालीन स्थिति पर आधारित है। इस फिल्म को लेकर सिख समुदाय को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के आरोपों के कारण विवाद उत्पन्न हुआ है।


चिंता का विषय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "हमने उन रिपोर्टों का अवलोकन किया है जिनमें कहा गया है कि 'इमरजेंसी' फिल्म की स्क्रीनिंग को बाधित किया गया। हम लगातार यूके सरकार के साथ इस तरह की घटनाओं और भारत-विरोधी तत्वों द्वारा उत्पन्न हिंसा के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त करते रहे हैं।"


स्वतंत्रता का अधिकार जायसवाल ने आगे कहा, "अभिव्यक्ति और स्वतंत्रता का अधिकार चयनात्मक रूप से लागू नहीं किया जा सकता है, और इसे बाधित करने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि ब्रिटेन सरकार दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी।"


समुदाय की सुरक्षा उन्होंने यह भी बताया कि लंदन में भारतीय उच्चायोग समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और कल्याण के लिए सतर्क है।