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भारत दिसंबर में 2035 के लिए संशोधित जलवायु लक्ष्यों को प्रस्तुत करेगा

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को घोषणा की कि भारत दिसंबर तक 2035 के लिए अपने संशोधित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को प्रस्तुत करेगा। उन्होंने विकसित देशों से आग्रह किया कि वे अपने 'नेट-जीरो' लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करें। यादव ने जलवायु परिवर्तन को एक वास्तविक खतरा बताते हुए औद्योगिक परिवर्तन के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत के जलवायु लक्ष्यों की प्रगति और एनडीसी जमा करने की प्रक्रिया पर भी जानकारी दी। सीओपी30 का आयोजन ब्राज़ील में हो रहा है, जिसमें 190 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
 

पर्यावरण मंत्री का महत्वपूर्ण बयान

भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को घोषणा की कि देश दिसंबर तक 2035 के लिए अपने संशोधित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को प्रस्तुत करेगा। उन्होंने विकसित देशों से आग्रह किया कि वे अपने 'नेट-जीरो' लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा से पहले पूरा करें।


नेट-जीरो का अर्थ है कि किसी देश, कंपनी या वैश्विक स्तर पर जितनी ग्रीनहाउस गैसें, जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड, वातावरण में छोड़ी जाती हैं, उतनी ही मात्रा को हटाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।


जलवायु परिवर्तन का खतरा

यादव ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (सीओपी30) के उच्च-स्तरीय सत्र में कहा कि जलवायु परिवर्तन एक 'वास्तविक और निकट भविष्य का खतरा' है, जो अस्थिर विकास और अस्थायी वृद्धि के कारण उत्पन्न हो रहा है।


उन्होंने औद्योगिक परिवर्तन को तेज करने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और औद्योगिक उप-उत्पादों से मूल्य निर्माण पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की घोषणा की।


विकसित देशों की जिम्मेदारियां

पर्यावरण मंत्री ने कहा, 'विकसित देशों को अपने मौजूदा लक्ष्यों को समय से पहले नेट-जीरो तक पहुंचना चाहिए और पेरिस समझौते के अनुच्छेद 9.1 के तहत अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए।' उन्होंने नए, अतिरिक्त और रियायती जलवायु वित्त की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसका अनुमान ट्रिलियन डॉलर में है।


यादव ने यह भी कहा कि जलवायु लक्ष्यों का कार्यान्वयन पर्याप्त, सुलभ और किफायती होना चाहिए, और इस पर बौद्धिक संपदा अधिकारों की कोई सीमाएं नहीं होनी चाहिए।


भारत के जलवायु लक्ष्यों की प्रगति

भारत के लक्ष्यों पर चर्चा करते हुए, यादव ने कहा कि हाल ही में शुरू किए गए परमाणु अभियान और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन ने भारत की 2070 तक नेट-जीरो हासिल करने की दिशा में गति बढ़ाई है।


उन्होंने कहा, 'हम 2035 तक के संशोधित एनडीसी और अपनी पहली द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट भी जारी करेंगे।'


एनडीसी जमा करने की प्रक्रिया

एनडीसी जमा करने में देरी के सवाल पर यादव ने बताया कि आंतरिक प्रक्रियाएं, जिसमें कैबिनेट अनुमोदन शामिल है, चल रही हैं। उन्होंने कहा, 'हमने स्पष्ट किया है कि इसे जल्द जारी कर देंगे। यह दिसंबर तक आ जाएगा।'


एनडीसी पेरिस समझौते के तहत देशों की राष्ट्रीय जलवायु योजनाएं होती हैं, जिनमें उत्सर्जन घटाने और जलवायु प्रभावों के अनुरूप बनने के लक्ष्य शामिल होते हैं।


सीओपी30 का महत्व

इस वर्ष देशों को 2031-2035 अवधि के लिए अपने तीसरे दौर के एनडीसी जमा करने हैं। अधिकांश देशों ने सीओपी30 शुरू होने से पहले ही अपने संशोधित एनडीसी प्रस्तुत कर दिए हैं।


सीओपी30 के दौरान, यादव ने ब्रिटेन के ऊर्जा सुरक्षा और नेट-जीरो के सचिव एडवर्ड मिलिबैंड से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सीओपी30 पेरिस समझौते के एक दशक पूरे होने का प्रतीक है, जो दुनिया के सामूहिक संकल्प का मूल्यांकन करने का समय है।


भारत की सामुदायिक पहल

यादव ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि पेरिस समझौते के तहत कार्बन सिंक और भंडार के संरक्षण और विकास के लक्ष्य के अनुरूप, भारत में सामुदायिक पहल के माध्यम से सिर्फ 16 महीनों में दो अरब पौधे लगाए गए हैं।


सीओपी30 में 190 से अधिक देशों के वार्ताकार भाग ले रहे हैं।


सीओपी30 का आयोजन

सीओपी30 का आयोजन ब्राज़ील के अमेज़न क्षेत्र के बेलेम में 10 से 21 नवंबर तक हो रहा है।


यादव ने मेजबान देश की सराहना करते हुए कहा, 'भारत की ओर से मैं ब्राजील सरकार और बेलेम के लोगों को सीओपी30 की मेजबानी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, जो अमेजन के हृदय में स्थित है और हमारे ग्रह की पारिस्थितिक संपदा का जीवंत प्रतीक है।'