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भारत-जर्मनी संबंधों की मजबूती और UPI की सफलता पर चर्चा

न्यूज9 ग्लोबल समिट में भारत और जर्मनी के बीच बढ़ते संबंधों और UPI पर रिकॉर्ड लेन-देन की चर्चा की गई। बरुण दास ने बताया कि कैसे भारत की डिजिटल प्रौद्योगिकी ने आर्थिक समृद्धि में योगदान दिया है। इस वर्ष भारत-जर्मनी के संबंधों की 25वीं वर्षगांठ है, और दोनों देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। जानें इस समिट में क्या-क्या महत्वपूर्ण बातें साझा की गईं और कैसे ये संबंध वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बनते जा रहे हैं।
 

न्यूज9 ग्लोबल समिट का उद्घाटन

TV9 नेटवर्क के MD-CEO बरुण दास


TV9 नेटवर्क का न्यूज9 ग्लोबल समिट, जर्मनी संस्करण-2025, शुरू हो चुका है। इस कार्यक्रम का आरंभ बरुण दास के उद्घाटन भाषण से हुआ। उन्होंने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए भारत और जर्मनी के बीच बढ़ते संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक अनुभव साझा किया, जिसमें एक जर्मन नागरिक ने नए भारत के बारे में जिज्ञासा व्यक्त की।


बरुण दास ने बताया कि एक कॉर्पोरेट एग्जीक्यूटिव के रूप में, वे अक्सर विदेशियों से मिलते हैं जो भारत के विकास के बारे में जानने के इच्छुक होते हैं। उन्होंने एक फ्लाइट में जर्मनी के एक यात्री से बातचीत का जिक्र किया, जिसने उनसे पूछा कि हाल के वर्षों में भारत में सबसे बड़ा बदलाव क्या है। यह सवाल उन्हें सोचने पर मजबूर कर गया। उन्होंने बताया कि भारत की आधुनिकता के साथ-साथ भारतीयता के मूल्यों को बनाए रखने की क्षमता अद्वितीय है।


अगस्त में UPI पर रिकॉर्ड लेन-देन


भारत की डिजिटल प्रौद्योगिकी में प्रगति का एक उदाहरण UPI है, जिसके तहत अगस्त में 20 अरब से अधिक लेन-देन हुए। यह प्रणाली गरीब से गरीब भारतीयों को भी स्मार्टफोन के माध्यम से लेन-देन करने की सुविधा देती है। इसके माध्यम से सरकारी सब्सिडी सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाई जा रही है। पिछले 10 वर्षों में 240 मिलियन से अधिक लोग गरीबी से बाहर आए हैं, जो इस प्रणाली की सफलता को दर्शाता है।


भारत-जर्मनी के संबंधों का 25वां वर्ष


इस वर्ष भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक संबंधों की 25वीं वर्षगांठ है। प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलरों के नेतृत्व में द्विपक्षीय संबंधों ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। वैश्विक परिवर्तनों के बीच, दोनों देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।


फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का महत्व


भारत और जर्मनी के बीच संभावनाएं केवल व्यापारिक लाभ तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक आदर्श साझेदारी बनाने का अवसर भी है। जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और वर्तमान में भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है।


TV9 नेटवर्क के MD-CEO बरुण दास


अलग-अलग अनुमानों के अनुसार, भारत का यूरोपीय संघ को निर्यात 50 से 60 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। यदि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो जाते हैं, तो द्विपक्षीय व्यापार 2028 तक लगभग 258 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।


जर्मन मंत्री की भारत यात्रा


जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वडाफुल हाल ही में भारत आए थे। उन्होंने भारत के साथ जर्मनी के रणनीतिक संबंधों को महत्वपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाओं पर जोर दिया।


भारत के विकास का सपना


बरुण दास ने फ्लाइट में मिले व्यक्ति को भारत आने का निमंत्रण दिया और सभी को भी ऐसा ही निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2047 तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव उत्पादक बनना है।