भारत-चीन व्यापार में नई शुरुआत: सरकार ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय
भारत-चीन व्यापार में तेजी लाने का निर्णय
चीन से व्यापार में आएगी तेजी
भारत सरकार ने चीन से आने वाले सामानों के लिए मंजूरी प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिया है। यह कदम बीजिंग के साथ संबंधों में आई हालिया सुधार और देश में बढ़ती मांग के मद्देनजर उठाया गया है। लगभग पांच साल पहले, 2020 में सीमा पर झड़पों के बाद, भारत ने चीन से आने वाले कई उत्पादों की मंजूरी देना लगभग बंद कर दिया था। लेकिन अब स्थिति में बदलाव आ रहा है।
सरकार का बदलता दृष्टिकोण
हाल के महीनों में भारत और चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों में सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद सीधी उड़ानें फिर से शुरू हुईं और बिज़नेस वीजा भी जारी होने लगे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार विदेशी कंपनियों के लिए रास्ता खोल रही है, जिनके उत्पाद भारतीय बाजार में आवश्यक हैं।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने हाल ही में निर्माताओं से उन मामलों की जानकारी मांगी है, जहां विदेशी प्लांट्स, विशेषकर चीन के, की मंजूरी में देरी हो रही थी। अब सरकार इन लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने की योजना बना रही है।
स्थानीय आपूर्ति और त्योहारों की मांग का दबाव
हाल ही में GST में कटौती के बाद कई उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में तेजी आई है। टीवी, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर और डिशवॉशर जैसे प्रीमियम इलेक्ट्रॉनिक सामानों की मांग इतनी बढ़ गई है कि कई मॉडलों के लिए वेटिंग लिस्ट बन गई है। कंपनियों का कहना है कि उनके पास स्टॉक खत्म हो गया है और सप्लाई चेन पर भारी दबाव है।
इसलिए, सरकार चाहती है कि BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) की मंजूरी प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि विदेशी सप्लायर्स से सामान जल्दी पहुंच सके और बाजार में कमी न आए।
गुणवत्ता और स्थानीयकरण का संतुलन
भारत में किसी भी उत्पाद को बेचने के लिए, चाहे वह देश में निर्मित हो या विदेश में, BIS की मंजूरी आवश्यक होती है। यह मंजूरी तभी मिलती है जब संबंधित निर्माण इकाई को गुणवत्ता मानकों पर परखा जाता है। विदेशी फैक्ट्रियों के लिए यह प्रक्रिया लंबी होती है क्योंकि BIS अधिकारियों को उस देश में जाकर निरीक्षण करना पड़ता है।
2020 के बाद, चीन के प्लांट्स के लिए ऐसी मंजूरियां लगभग बंद हो गई थीं, जिससे भारत की सप्लाई चेन प्रभावित हुई। अब सरकार इन मामलों में संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है, यानी स्थानीयकरण को बढ़ावा देना जारी रहेगा, लेकिन विदेशी मंजूरी में अनावश्यक देरी नहीं की जाएगी।
नई दिशा में बढ़ते रिश्ते
बीजिंग ने हाल ही में भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट्स का निर्यात फिर से शुरू किया है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह भारत-चीन व्यापारिक संबंधों में सुधार का स्पष्ट संकेत है।