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भारत को मिलेगा एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का नया बैच, पुतिन की यात्रा पर होगी चर्चा

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने संकेत दिया है कि भारत रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का एक और बैच खरीद सकता है। यह चर्चा दिसंबर में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हो सकती है। उन्होंने इस प्रणाली की प्रभावशीलता की सराहना की और बताया कि स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली पर भी काम चल रहा है। इसके अलावा, वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अगले दो दशकों में नए विमानों की आवश्यकता होगी।
 

भारत में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की नई खेप

भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयरचीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को संकेत दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के सफल प्रदर्शन के बाद भारत रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल प्रणालियों का एक और बैच खरीद सकता है।


पुतिन की यात्रा के दौरान संभावित चर्चा

सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्तावित खरीद पर चर्चा दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हो सकती है। भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस से एस-400 की पांच प्रणालियों की खरीद का समझौता किया था, जिनमें से तीन की आपूर्ति हो चुकी है।


एस-400 की प्रभावशीलता पर वायुसेना प्रमुख की टिप्पणी

वायुसेना प्रमुख ने एक वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "एस-400 एक उत्कृष्ट हथियार प्रणाली है। इसके परिणाम अच्छे रहे हैं, इसलिए हमें और प्रणालियों की आवश्यकता है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर कोई सीमा नहीं है।


स्वदेशी प्रणाली का विकास

उन्होंने आगे कहा, "हमारी अपनी प्रणाली भी विकसित हो रही है।" एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि तीनों सेनाओं ने स्वदेशी 'सुदर्शन चक्र' वायु रक्षा प्रणाली पर काम शुरू कर दिया है।


लड़ाकू विमानों की आवश्यकता

एयरचीफ मार्शल ने बताया कि वायुसेना ने रोडमैप-2047 के तहत अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसके तहत अगले दो दशकों में प्रतिवर्ष 35 से 40 नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता होगी।


114 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों की खरीद

उन्होंने कहा कि वायुसेना की 114 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों की खरीद की महत्वाकांक्षी योजना में राफेल एक विकल्प है।


ड्रोन युद्ध का भविष्य

एलन मस्क के हालिया बयान को खारिज करते हुए, सिंह ने कहा कि वर्तमान में दुनिया में कई बड़े कार्यक्रम चल रहे हैं, जो मानवयुक्त विमानों पर आधारित हैं।


ऑपरेशन सिंदूर पर विचार

ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में, सिंह ने कहा कि दुनिया को भारत से सीखना चाहिए कि संघर्ष को कैसे शुरू किया जाए और उसे जल्दी कैसे समाप्त किया जाए।